दशहरा पर्व पर किए गए इन खास उपायों से पाये जीवन की हर परेशानी से मुक्ति और अपने घर में लाए सुख- शांति और समृद्धि
Share
विजयादशमी यानी दशहरा हमारे देश के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इस दिन भगवान राम ने रावण पर विजय पायी थी। ज्यादातर लोग भगवान राम की रावण पर विजय के उपलक्ष्य में ही दशहरा मनाते हैं, लेकिन इसके अलावा कहा जाता है माता दुर्गा ने इसी दिन महिषासुर का वध किया था। उनके एक नाम विजया से जुड़ा है विजयादशमी पर्व, जिसे हम दशहरा कहते हैं। इस दिन शस्त्र पूजन भी किया जाता है। इस साल 25 अक्टूबर दिन रविवार को दशहरा पर्व मनाया जाएगा इस दिन किए गए किसी भी तरह के उपाय अक्षय फल देते हैं। हम आपको बता रहे हैं दशहरे पर किए जाने वाले कुछ खास उपाय, जो आपकी जिंदगी की परेशानी को तुरंत दूर कर देंगे।
दशहरे के उपाय
– दशहरे के दिन शमी के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से सभी तरह के कोर्ट केस में विजय मिलती है।शमी का दूसरा नाम खेजड़ी भी है खेजड़ी वृक्ष की पूजा करने के बाद उसकी टहनी घर में लाकर मुख्य चौक के अंदर प्रतिष्ठित करनी चाहिए। शमी शत्रुओं का समूल विनाश करती है।
-शमी को अग्नि देव का रूप भी माना जाता है, इसलिए हवन में भी शमी की लकड़ियों का उपयोग किया जाता है। शमी के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
-रावण दहन से पहले घर के ईशान कोण पर कुमकुम, चंदन और लाल फूल से अष्टदल कमल की रंगोली बनाये। मां दुर्गा की सहायक योगिनी जया और विजया का आवाह्न करते हुए उनकी पूजा करें। शमी के पेड़ की पूजा करके वहां से थोड़ी मिट्टी लाकर घर में बने मंदिर, पूजा स्थल या तिजोरी में रख दे। इस उपाय से व्यापार लाभ और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
– अगर आपका निवेश बार-बार खराब हो रहा है, आपकी ज़्यादातर कारोबारी डील आखिरी समय पर आकर फाइनल नहीं हो पा रही है या फिर किसी व्यापारिक सौदों में मनमाफ़िक लाभ हासिल नहीं हो पा रहा है दशहरे के दिन से शुरू करके 51 दिन तक रोजाना कुत्तों और गायों को मीठा लड्डू या बेसन की मिठाई खिलाने से सालभर धन संबंधी किसी तरह की कोई कमी नहीं रहती है।
– दशहरे पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने से सभी तरह की मनोकामना पूरी होती है। नीलकंठ को देखकर मन ही मन भगवान शिव से अच्छे दिनों के लिए मनोकामना मांगे। पूरी होगी
– कहते हैं दशहरे के दिन शाम में माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए किसी भी मंदिर में झाड़ु का दान करने से धन संबंधी दिक्कतें दूर हो जाती है।
-रावण दहन के बाद शेष बची हुई लकड़ियों को घर में लाकर किसी सुरक्षित स्थान पर रख दे। इससे घर में नकारात्मक शक्ति प्रवेश नहीं कर पाती है। साथ ही घर पर कोई भी तंत्र-मंत्र और ऊपरी हवा हावी नहीं हो पाती है।
– दशहरे पर सुंदरकांड की कथा कराने से सभी रोग और मानसिक परेशानियां दूर हो जाती है।भगवान हनुमान को संकटमोचन भी कहा जाता है। यदि आपके सामने किसी प्रकार का संकट है तो दशहरे के दिन सुबह गुड़ चने और शाम को लड्डुओं का भोग लगाकर प्रार्थना करें इससे हनुमान जी आपकी रक्षा करेंगे।
दशहरे वाले दिन एक फिटकरी का टुकड़ा लें और उसका स्पर्श सभी परिवार वालों को कराये। सुनसान स्थान पर जाकर आप जहां इसे फेंकना चाहे उसकी विपरीत दिशा में खड़े हो जाये। और अपने इष्टदेव का मानस ध्यान करते हुए सात बार उबारें और फिर पीठ के पीछे की ओर फेंक दें। बिना मुड़े घर आएं और भगवान के सामने दीपक लगाएं। इस उपाय से घर की सभी नकारात्मक और तामसिक ऊर्जा (Negative and vindictive energy) का नाश हो जायेगा।
-नौकरी और कारोबार में कामयाबी पाने के साथ-साथ किसी भी क्षेत्र में विजय पाने के लिए दशहरे के दिन देवी पूजन करें और उन्हें 10 फल चढ़ाकर गरीबों में बांटें। देवी मां को फल चढ़ाते वक्त 'ॐ विजयायै नम:' मंत्र का जाप करें। यह उपाय आप दशहरे के दिन दोपहर को करें।
- किसी को अपने बुरे कार्यों के लिए यदि यमलोक का भय सता रहा हो तो दशहरे के दिन मां काली का ध्यान करते हुए उनसे क्षमा मांगें और काला तिल चढ़ाएं। माना जाता है कि ऐसा हर साल करने से यमलोक की यातनाओं का भय नहीं सताता।
-कालसर्प या शनि दोष हेतु : शनि, राहू या केतु जनित कोई समस्या हो, कोई ऊपरी बाधा हो, बनता काम बिगड़ रहा हो, कोई अनजाना भय आपको भयभीत कर रहा हो अथवा ऐसा लग रहा हो कि किसी ने आपके परिवार पर कुछ कर दिया है, तो इसके निवारण के लिए दशहरे के दिन एक जलदार जटावाला नारियल लेकर उसे काले कपड़े में लपेटें। 100 ग्राम काले तिल, 100 ग्राम उड़द की दाल तथा 1 कील के साथ उसे बहते जल में प्रवाहित करें। ऐसा करना बहुत ही लाभकारी होता है।
-जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष हो या राहु-केतु अशुभ फल दे रहे हों तो सूखा नारियल या काला-सफेद रंग का कंबल दान करना चाहिए। ऐसा समय समय पर करते रहने से उक्त दोष दूर हो जाता है।
-संकट से मुक्ति हेतु : दशहरे के एक दिन पहले एक नारियल लें और उसको अपने सिर के पास रखकर सो जाएं। सुबह उठकर किसी नदी में नारियल प्रवाहित करें। ध्यान रहे कि नारियल प्रवाहित करते हुए इस मंत्र का भी जाप करें- ॐ रामदूताय नम:।