धोखे को कैसे पहचानें।
Share||#धोखे_को_कैसे_पहचाने_और_कैसे_बचें?|| धोखा मतलब किसी के भी साथ किसी मामले में किया गया धोखा/अविश्वास/छल।यह धोखा किसी के भी साथ किसी भी तरह से किसी भी जीवन से जुड़ी चीजो को लेकर हो सकता है। जैसे:- शादी, व्यापार/नोकरी, प्रेम संबंध, जमीन-जायदाद,मकान आदि को लेकर।कैसे पता करें कि धोखा होगा। या हो रहा है इसे समझते है पहले, धोखा मिलना मतलब उस फल से संबंधित योग अच्छे न होना साथ ही अशुभ राहु का प्रभाव उस फल पर कुंडली के होगा जिस भी सम्बंध में। धोखा मिलेगा, या धोखा हो। रहा होगा, चाहे वह प्रेम संबंध में धोखा, हो, विवाह में या प्रॉपर्टी, व्यापार आदि को लेकर हो।जैसे किसी व्यक्ति को प्रॉपर्टी के मामले में धोखा होना है तब एक तो ऐसे व्यक्ति के चतुर्थ भाव,इस भाव के स्वामी की स्थिति अशुभ होगी, अशुभ ग्रहों और राहु का प्रभाव जरूर मिलेगा, यह धोखा होगा ही होगा लेकिन ऐसा जातक पहले ही सर्तक रहे की धोखे की स्थिति है तब बचा जा सकता है।अब यह तो पता है जिज़ भी मामले में धोखा होगा या हो रहा होगा उन ग्रहो से संबंधित स्थिति अशुभ होगी।ग्रह दशाएं और समय के साथ ही राहु अच्छा होगा तब जातक के साथ धोखा कोई चाहकर भी नही कर सकता है अब इन सब बातों को थोड़ा उदाहरणों से समझते है:- #उदाहरण_प्रथम:- प्रेम सबंध में धोखे को कैसे पहचाने? पाचवा भाव और इसके स्वामी से प्रेम संबंधों का विचार होता है, जैसे सिंह लग्न अनुसार, पाचवे भाव का स्वामी सिंह लग्न में गुरु होता है अब गुरु प्रेम संबंध योग बनाकर बेठा हो साथ ही राहु का अशुभ प्रभाव पाचवे भावपति गुरु पर हो, साथ ही पाचवे भाव पर भी किसी अशुभ या पाप ग्रह का या किसी अशुभ ग्रहः का प्रभाव हो तब पाचवा भाव दूषित हो गया है और पंचमेश गुरू पर धोखे के स्वामी राहु का असर है, ऐसी स्थिति में यहाँ जातक या जातिका को प्रेम सबंध में धोखा मिलेगा।। #द्वितीय_उदाहरण:-, प्रॉपर्टी में धोखा, प्रॉपर्टी जैसे मकान,दुकान जमीन आदि को लेकर धोखा मतलब कुंडली का चतुर्थ भाव प्रॉपर्टी का होता है, अब चतुर्थ भाव और इसके स्वामी पर अशुभ योगो या यह भाव पाप ग्रहों से पीड़ित होगा साथ ही राहु का प्रभाव चौथे भाव या इसकेस्वामी पर पड़ेगा तब प्रॉपर्टी मकान, दुकान,जमीन आदि को लेकर धोखा होगा।जैसे, वृश्चिक लग्न अनुसार यहाँ चौथे भाव का स्वामी शनि होता है अब शनि यहाँ अशुभ हो जाये जैसे अस्त ,पीड़ित या किसी अशुभ योग में बैठे साथ ही चौथे भाव पर चौथे भाव स्वामी पर ऐसी स्थिति में अशुभ प्रभाव हुआ राहु का तब प्रॉपर्टी को लेकर धोखा होगा, और प्रॉपर्टी विवादित हो जाएगी,इससे बचने के लिए अशुभ योगो की और राहु की शांति से लाभ मिलेगा।। इस तरह से जीवन से जुड़े किसी भी मामले में चाहे नोकरी हो,व्यापार हो, शादी हो, प्रेम सम्बंन्ध हो या अन्य कुछ भी तो धोखा होगा या नही यह उस भाव से संबंधित फल और राहु की उस भाव पर कैसी है जाना जा सकता है और धोखे से खुद को बचाया जा सकता है।।