पति की शनि की महादशा चल रही थी। ***** मित्रो मैंने उसको बताया कि उसके पती का किसी और स्त्री से गहरा समबनध है, उसकी कमाई वहाँ जा रही है।***** विश्लेषण == मित्रो जब भी लगनेश नीच का होता हे, तो ऐसा जातक कभी ना कभी निनदनिय कार्य अवश्य करता है, शनि नीच का होकर स्त्री कारक ग्रह शुक्र के साथ बेठा है तो स्त्री के साथ समबनध अवश्य बनवायेगा । ओर दशा भी शनि की हे, तो अपनी दशा मे ग्रह ज्यादा active हो जाता है।। इसलिए ऐसा होना निश्चित था।।। ***** जयोतिष शिरोमणि डा. पी पी एस राणा, देहरादून,
2.
जयोतिष और समाधान=== एक अधिकारी ने प्रश्न किया कि उसका कुछ सामान चोरी हुआ है, क्या वो मिल सकता है।
****** उत्तर == मिल जायेगा, आपकी चोरी नगद पैसे व जवैलरी की हुई है। चोरी करने वाली स्त्री है, 2 स्त्री है। उस जातक की कुणडली सिंह लगन की है। 2 भाव मे राहू विराजमान हैं । 5 भाव मे शनि महाराज बैठे है।। उस समय उस जातक को राहू की महादशा, राहू की अनतरदशा, शनि का परतयनतर चल रहा था।।।***** विश्लेषण == इस कुणडली मे राहू 2 भाव मे बेठा हे। दूसरा भाव धन का भाव है, तिजोरी का भाव है, सोने/चाॅदी का भाव है। शनि 6 भाव का व 7 भाव का Lord होकर, 5 भाव मे बैठा है। 5 भाव से शनि की पूर्ण दृष्टि 2 भाव यानि राहू पर पड रही हे।। दोनों पापी ग्रह है, दोनों ग्रहों का प्रभाव तिजोरी भाव पर है। इसलिये नगद पैसे व सोने की चोरी हुई है। राहू व शनि दोनो स्त्री ग्रह है, इसलिये चोर स्त्री पकड़ी गयी है। राहू व शनि ही छोटे काम करने वाले, घर का काम, झाडू पोचा आदि करने वाले होते है।। *** अत: उनका घर का काम करने वाली स्त्रीयो ने चोरी की और वो पकड़ी गयी।। और चोरी का पैसा, सोना भी मिल गया।।।
3.प्रश्न जयोतिष और समाधान===किसी जातक ने प्रश्न किया कि मैं अपना घर और business किसी दूसरे शहर मे करने की सोच रहा हूँ । क्या ऐसा करना ठीक रहेगा या नहीं? ????
उत्तर == उचित रहेगा ।।।****** जयोतिष विश्लेषण === प्रश्न कुणडली कन्या लग्न की है। 2 भाव मे चनद्र, 3 भाव मे मंगल- शनि, 6 भाव मे केतु, 11 भाव मे सूर्य, 12 भाव मे बुद्ध -गुरू-शुक्र -राहू,, बैठें हैं ।।।****** मित्रों जेसा कि आप जानते हो 12 भाव व्यय भाव कहलाता है, 12 भाव कुणडली के दूर के देशों / प्रदेशो को दर्शाता है।। लगनेश होकर बुद्ध का - 12 भाव मे होना, 4 भाव यानि घर का भाव का Lord होकर गुरू का 12 मे होना, 7 भाव यानि business का भाव का Lord गुरू भी 12 मे होना, घर से दूर जाने के योग दर्शा रहा है।। नवमेश का व्यय भाव से समबनध भी दूर जाने के योग बनाता है। इस कुणडली मे भी शुक्र नवमेश होकर 12 भाव मे बेठा है।।। अत: घर से दूर जाने के योग बन रहे है। 12 भाव मे बुद्ध -गुरू-शुक्र का होना यह दर्शाता है कि जातक का दूर जाना उसके लिये लाभकारी सिद्ध होगा।।।। ******* जयोतिष शिरोमणि डा. पी पी एस राणा,
4.प्रश्न कुणडली और समाधान ==== किसी जातक ने प्रश्न किया कि मेरे केश की सुनवाई हाई कोर्ट मे होनी हे। मुझको विजय मिलेगी या नही? ??
उत्तर == मेने कहा आपको 100% विजय मिलेगी ।। जयोतिष विश्लेषण === उस समय की कुणडली इस प्रकार है।।। मेष लगन हे, लगन मे गुरू, 2 भाव मे केतु, 3 भाव मे मंगल, 4 भाव मे बुध, 5 भाव मे सूर्य -चनद्र -शुक्र, , 6 भाव मे शनि, 8 भाव मे राहू,, विराजमान है।। **** लगनेश होकर मंगल का पराक्रम भाव मे बेठना,पराक्रम को मजबूती दे रहा हे। मंगल का 4 दृष्टि से 6 भाव व 8 दृष्टि से कर्म भाव को उच्च दृष्टि से देखना, जीत की प्रबल संकेत दे रहा है।।***लगनेष मंगल का भाग्य भाव को देखना भी जीत को प्रबल करता है।।**** भाग्येष होकर गुरू का लगन मे बैठना व अपने भाव भाग्य को देखना बहूत शुभ योग का निर्माण कर रहा है।।।****** अत: उपरोक्त ग्रह रिथति के अनुसार जातक की विजय निश्चित थी।।। और जातक को हाईकोर्ट से विजय प्राप्त हुई।।। ***** क्या यह फलित जयोतिष मे प्रश्न कुंडली का योगदान नहीं है।।।