Maharaj Vishnu Shastri
16th Feb 2017Class date 13-2-2017
आज से ग्रह सम्बंध पर चर्चा शुरू करेंगे...
Nadi ज्योतिष मे सबसे महत्वपूर्ण विषय है.... ग्रह सम्बंध
यदि इसे समझ गये तो Predictions करना असानी से आने लगेगा...
इसलिये.... अपना पुरा... बुद्धि और अनुभव के साथ इसे समझा नेकी प्रयास करे.
और कॉपी मे लिखके रखे.
●सूर्य +चंद्रमा
●चंद्रमा +सूर्य
इन दोनों मे क्या अंतर क्या है?
पहले आप लोग बतानेकी प्रयास करे.
◆ सूर्य +चंद्रमा मे...... सूर्या कम डिग्री. चंद्र ज्यादा डिग्री
◆ दूसरे case मे चंद्र कम डिग्री सूर्य ज्यादा डिग्री..... फलित मे क्या अंतर होगा?
●चंद्र =माता
●सूर्य = पिता
●चंद्र =कन्या
● सूर्या =पुत्र
● चंद्र =चंचल
●सूर्या =किर्ति
अब समझाते है...
एही अधार है..... नाड़ी ज्योतिष की.... ठीक से समझे
●पहले सूर्य +चंद्रमा
सूर्य क्या है? पीता /सम्मान /पुत्र /किर्ति
तो चंद्रमा क्या है.... माता /चंचल/पुत्री
तो हम लिख सकते है...
● सूर्या (सम्मान /किर्ति) +माता =अर्थात् जातक की माता के पीछे (background मे) सम्मान /किर्ति है.
● अर्थात जातक की माता अच्छे फ़ैमिली से है.
● सूर्य +चंद्रमा =जातक के पिता +चंचल (चेंज-आगे या परिवर्तन आगे)
अर्थात जातक के पिता को जातक के जनम के बाद... स्थान परिवर्तन या चेंज किया है.
◆ अब चंद्र +सूर्या
◆ चंद्र (माता) +सूर्या (सम्मान /किर्ति).... इहा माता के सामने सम्मान /किर्ति है...
अर्थात् जातक की माता.... सम्मानीय या किर्ति को प्राप्त होगी.
:
युक्ति का मतलब.... Eak rashi या त्रिकोण.
चंद्र (परिवर्तन /चेंज) +सूर्या (पीता)...
अब चंद्र (change /चंचल) +सूर्य (पुत्र)
तो जातक की पुत्र को पड़ाई या कर्म के लिये माता से या दूर जाना होगा.
इसी प्रकार हज़ार combination बनेंगे...
पहले दो ग्रह का....
फिर तीन ग्रह का.... चार ग्रह का...
अपको combination बनाना सीखना है..
: ख़ुद बनाना और समझना है....
सूर्य +चंद्र
चंद्र +सूर्या पर गहन चिंतन करे......
महाराज विष्णु शास्त्री
नक्षत्र नाड़ी ग्रुप
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