सूर्या मंगल योगा
ShareClass date 14-2-2017
कल हमने सूर्य +चंद्रमा..... और चंद्र +सूर्य.... पर चर्चा कर रहे थे.
●आज सूर्या +मंगल
● और मंगल +सूर्य
पर चर्चा करेंगे.
इस युक्ति या सम्बंध को... दो भागो मे भाग कर ले....
पीछे +आगे
पीछे मतलब background...
आगे मतलब भविष्य..
● सूर्या +मंगल मतलब.... मंगल के पीछे ●सूर्या...... या... सूर्या से आगे मंगल
● सूर्या =पिता /पुत्र /सरकार /सम्मान
● मंगल = पति (female के लिये) /भ्राता /साहस /अहंकार
अब combination बनाना है...
● सूर्या +मंगल =जातीका की पति अच्छे फ़ैमिली से होने का योग..... कैसे सूर्य (सम्मान) +मंगल (पति)
● सूर्या +मंगल =पिता (सूर्य) +भ्राता (मंगल) ****अर्थात जातक के पिता को भाई का योग.
दोनो मे अंतर को समझ नेकी प्रयास किजिए...
Predictions बाद मे....
पहले सूर्या को पीता समझे....
◆तो सूर्य के आगे मंगल....
◆ अर्थात पीता के आगे मंगल
◆ अर्थात पीता के बाद भाई
◆ अर्थात पीता का छोटा भाई...
◆ अब यदि उल्टा हो तो...
◆ मंगल +सूर्य
◆ पीता के आगे मंगल....
◆ मंगल छोटा भाई है.... बड़ा नहीं बड़ा तो शनि है.... (शनि से बड़े भाई)
◆ तो पीता के आगे... मंगल (साहस /पराक्रम /जिदद /अहंकार)
◆ तो पीता साहसी, जिद्दी, अहंकारी.
अंतर समाझ मे आरहा है.....?
अब सूर्य को पुत्र समझे....
● सूर्या +मंगल....
●पुत्र के आगे मंगल...
●अर्थात् पुत्र के आगे छोटा भाई....
● तो पुत्र के बाद फिर पुत्र....
●अब मंगल +सूर्य को ले....
● सूर्य पुत्र..... पीछे मंगल...
● पुत्र के पीछे साहस, जिद्दी स्वभाब, अहंकार
●तो पुत्र जिद्दी स्वभाब का... साहसी और अहंकारी होने के योग.
● अब मंगल को भाई समझे...
सूर्य +मंगल....
:● अर्थात भाई के पीछे सूर्य....
● अर्थात भाई के पीछे पिता...
●तो जातक की bhai ko पीता का पूरा support मिलेगा...
◆ अब मंगल +सूर्य...
◆ भाई के आगे सूर्य....
◆ भाई के आगे... सम्मान /सरकार
◆ तो जातक के भाई को आगे चलकर सरकार से लाभ तथा ख्याति प्राप्त होगी.
समझनेकी प्रयास करे....
दिखने मे एक जैसा... परंतु फलित अलग अलग.....
इसे note करके रख ले..... नहीं तो आगे.... समझना मुस्किल हो सकती है
अभी तो मात्र सूर्याचंद्रमा.... और सूर्य,मंगल की बात ही ho पायी है.
महाराज विष्णु शास्त्री
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