चन्द्रमा मन का कारक ग्रह है वृष राशि में स्थित होकर सर्वाधिक बलशाली हो जाते हैं तथा चन्द्रमा को उच्च का चन्द्रमा कहा जाता है। तथा रोहिणी नक्षत्र चन्द्रमा का पिरिये नक्षत्र है वृषराशि के अतिरिक्त चन्द्रमा कर्क राशि में भी बलवान माने जाते है जो कि चन्द्रमा की अपनी राशि है
चन्द्रमा के प्रभाव वाले जातक आम तौर पर भावुक होने के कारण आसानी से ही आहत भी हो जाते हैं। स्वभाव से ऐसे लोग चंचल तथा संवेदनशील होते हैं
चन्द्रमा मनुष्य के शरीर में कफ प्रवृति तथा जल तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा चन्द्रमा के प्रबल प्रभाव वाले जातक सामान्य से अधिक वजनी हो सकते हैं जिसका कारण मुख्य तौर पर चन्द्र मा का जल तत्व पर नियंत्रण होना ही होता है जिसके कारण ऐसे जातकों में सामान्य से अधिक निद्रा लेने की प्रवृति बन जाती है ऐसे जातकों को आम तौर पर कफ तथा शरीर के द्रव्यों से संबंधित रोग या मानसिक परेशानियों से सम्बन्धित रोग ही होते हैं।
कुंडली में चन्द्रमा के बलहीन होने पर अथवा किसी बुरे ग्रह के प्रभाव में आकर दूषित होने पर चँन्द्रमा जातक को मानसिक आशांति देते है तथा उसे मिलने वाली सुख-सुविधाओं में भी कमी आ जाती है। चन्द्रमा वृश्चिक राशि में स्थित होकर बलहीन हो जाते हैं तथा इसके अतिरिक्त कुंडली में अपनी स्थिति अशुभ ग्रहों के प्रभाव के कारण भी चन्द्रमा बलहीन हो जाते हैं। किसी कुंडली में राहु तथा केतु का प्रभाव चन्द्रमा को दूषित करता हैं शनि ओर चन्द्रमा का योग भी विश दोष बनता है तथा दूषित चन्द्रमा का प्रभाव जातक को अनिद्रा तथा बेचैनी जैसी समस्याये होती है जिसके कारण जातक को नींद आने में बहुत कठिनाई होती है।
छोटी छोटी बातों पर घबड़ाहट तथा नेगिटीव सोच हो जाती हैं
चन्द्रमा पर ये छोटी सी जानकारी है ज्यादा जानकारी के लिए
कुंडली दिखाये एस्ट्रोलोजर अंजना नय्यार
Astrologer Anjana Nayyar Voice Of Star
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