शनि की साढ़े साती 2019: करें ये विशेष उपाय, लौट आएंगे अच्छे दिन शनि न्याय के देवता है। माना जाता है कि हर राशि पर शनि का प्रभाव लगभग साढ़े सात साल तक रहता है। 2019 में वृश्चिक, मकर और धनु राशि पर शनि का प्रभाव रहेगा। मतलब ये तीन राशियां महत्वपूर्ण रूप से शनि की साढ़े साती से ग्रसित रहेगी। इसके अलावा कुछ और राशियों पर भी शनि का प्रभाव रहता है। लोगों में शनि को लेकर अनेक मान्यताएं हैं। कर्इ लोगों का मानना है कि जातक के जीवन में मुश्किलें और विघ्नों को लाने का काम शनि करता है। लेकिन, यह मान्यता गलत है। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि के शुभ होने पर वह जातकों को शुभ फल दिलाने के अलावा मोक्ष के मार्ग पर भी अग्रसर करता है। शनि के इन उपायों को करने से मिलेगी शांति – शनि मंत्र का नियमित रूप से जप करें। ये मंत्र हैं- (1) ॐ शं शनैश्चराय नमः (2) नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।। – संपूर्ण आस्था और श्रद्धा के साथ शनि चालीसा का पाठ करें। – हर शनिवार को शनिदेव के मंदिर में जाकर तेल चढ़ाएं। – हर शनिवार को उड़द की जलेबी या कचौड़ी बनाकर अपंग व दरिद्र व्यक्ति को खिलाने से शनिदेव की कृपा मिलती है। – लोहे की अंगूठी को मध्यमा उंगली में धारण करें। -लोगों में शनि को लेकर अनेक मान्यताएं हैं। कर्इ लोगों का मानना है कि जातक के जीवन में मुश्किलें और विघ्नों को लाने का काम शनि करता है। लेकिन, यह मान्यता सरासर गलत है। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि के शुभ होने पर वह जातकों को शुभ फल दिलाने के अलावा मोक्ष के मार्ग पर भी अग्रसर करता है। – विशेषज्ञ की राय से शनि का रत्न नीलम पंचधातु की अंगूठी में जड़वाकर पहनने से शनिदेव के लाभदायी प्रभाव में बढ़ोतरी की जा सकती है। – शनि यंत्र की पूजा करने से शनिदेव का आशीर्वाद मिलता है। – हर शनिवार को उड़द की दाल, काला कपड़ा अथवा काला चादर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान में देने से शनिदेव खुश होते हैं। – संध्याकाल के बाद और रात में सोने से पहले उत्तर दिशा की ओर मुख करके हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनिदेव के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। – हर शनिवार को बजरंगबली हनुमानजी को आक (आंकड़ा) के फूल की माला चढ़ाएं। – शनिवार को पवनपुत्र हनुमानजी को तेल-सिंदूर चढ़ाकर शनिदेव की आराधना करें। -कौआ , को काले तिल अट्टा की लोई, मै डाल कर दे, हर शनिवार को शनि की दशा मै लाभ होगा – कुपित शनि को शांत करने के लिए सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करना फलदायी होता है। – हर शनिवार को *ॐ हं हनुमते नमः * की माला का जप करिये। शनि का पाठ करते समय खास ध्यान में रखने योग्य बातेंः- – पाठ करते समय हमेशा उत्तर दिशा की तरफ बैठें। – मिट्टी के दीपक में तिल या सरसों का तेल भरकर ज्योति जलाएं। – हनुमान जयंती अथवा शनि अमावस्या के दिन हवन कराकर शनिदेव की उपासना की जा सकती है। - मजदूर को पुरी मजदूरी दे, शनि देव, कर्म के देवता है, मजदूर से , रिक्शे वाले , मेहनत से कर्म करनेवाले को पूरा पैसे दे, भाव तोल ना करें, जातकों पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है। इससे जीवन के कष्टों व विघ्नों का शमन होता है। शनि की साढ़े साती के दौरान यदि इन उपायों को पूरी आस्था व विश्वास के साथ किया जाए तो शनिदेव अवश्य ही प्रसन्न होकर वक्त की मार झेल रहे व्यक्ति को मुसीबतों से बाहर लाते हैं। शनिदेव दयालु हैं और अपने भक्तों की सभी दुःखों से रक्षा करते हैं। जिन जातकों के जीवन में इस समय शनि की साढ़े साती चल रही हो, यदि वे सुझाए गये सभी उपायों को अपनाएंगे तो निश्चित रूप से शनि के अनिष्टकारी प्रभाव से बचे रहकर राहत का अनुभव करेंगे। नीचे दी गई राशि के जातकों को ये उपाय अवश्य ही करना चाहिएः- वृश्चिक राशि (न, च) – शनि की पनौती का अंतिम चरण (चंद्र से दूसरे स्थान पर शनि) धनु राशि (भ, ध, फ, थ)– शनि की पनौती के मध्य का चरण (चंद्र के ऊपर से शनि) मकर राशि (ख, ज) – शनि की साढ़े साती का प्रथम चरण (चंद्र से बारहवें में शनि) कन्या राशि (प, ठ, ण) – शनि की ढैया (चंद्र से चौथे स्थान पर शनि) वृषभ राशि (ब,व,उ) – शनि की ढैया (चंद्र से आठवें में शनि की उपस्थिति) इसके अलावा, जातक की कुंडली में शनि वक्री या अस्त का हो, नीच का हो, पाप ग्रह मंगल, केतु या राहु के साथ संबंध में हो तो इन तमाम जातकों के लिए बताए गए ज्योतिषीय उपाय कारगर साबित होंगे। इन उपायों को अमल में लाने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। शनि के कष्ट निवारण हेतु हमारे द्वारा बताए गए उपायों को अपनाकर कष्टमुक्त जीवन जी सकेंगे।अन्य जानकारी, कुंडली विश्लेषण, के लिए सम्पर्क करें - अनुराग गौड़,