नक्षत्रों को पहले पाठ में पढ़ा है इसे और समझने का प्रयास करते हैं -
यहां हम थोड़ा गणितिय पद्धति से नक्षत्रों का विभाजन और अंशात्मक विस्तार को समझते हैं ।
राशिचक्र का विस्तार 360 अंश का है ।
इसी राशिचक्र को 27 बराबर भागों में बांटते हैं -
360 » 27 = 13 अंश 20 कला
अर्थात एक नक्षत्रा का मान 13 अंश(डिग्री) 20 कला (मिनट)
अब यहां ज्योतिष गणना में प्रयुक्त इकाई को भी समझ लेते हैं ।
राशिचक्र = 360 अंश
एक राशि = 30 अंश
एक अंश =60 कला
एक कला = 60 विकला
अंश को अंग्रजी में डिग्री, कला को मिनट और विकला को सेकेण्ड कहते हैं ।
फलित ज्योतिष को सीखने के लिए गणित ज्योतिष की मोटी-मोटी जानकारी होनी चाहिए नहीं तो हमलोग भ्रमित हो जाएंगे ।
नक्षत्र के अंशात्मक विस्तार की बात हो रही थी इसको हमलोगों ने समझा है अब नक्षत्रों के नाम और अंशात्मक विस्तार को समझेंगे । आप सबों से अनुरोध है कि हम 9 नक्षत्रों की ही चर्चा एक दिन में करेंगे क्योंकि अधिक करने पर याद करना संभव नहीं होता है ।
नक्षत्र तारों का समुह है तारों के समुह से जैसी आकृति बन जाती है उसी के अनुकुल उनका नाम रखा गया है ।
नक्षत्रों के नामों में हिन्दी महिने के नाम भी छुपे हैं जैसे चैत्र के लिए चित्रा वैशाख के लिए विशाखा आदि आगे इसपर चर्चा होगी ।
27 नक्ष़त्र हैं और राहु-केतु सहित सूर्यादि 9 ग्रह हैं सभी ग्रहों को तीन-तीन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है इसपर भी आगे चर्चा होगी ।