||डिप्रेशन से बचना है तो चंद्रमा को करें प्रसन्न|| डिप्रेशन का कारण सिर्फ परेशानियां नहीं बल्कि  कुंडली में मौज़ूद ग्रह भी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो डिप्रेशन क मुख्य कारण जातक की कुंडली के चंद्रमा और बुध का होना माना जाता है। कहा जाता है कि अगर अगर कुंडली में चंद्रमा की स्थिति सही न है तो व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। माना जाता है ऐसे मे अगर कुछ ज्योतिष उपाय किए जाए तो इससे बचा जा सकते हैं।

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||डिप्रेशन से बचना है तो चंद्रमा को करें प्रसन्न|| Share

Deepika Maheshwari 15th Jun 2020

दुनिया में शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जिसे किसी तरह की कोई टैंशन न हो। इन्हीं टैंशन के चलते कई लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए लोग कई दवाईयां आदि खाते हैं मगर फिर भी इससे पीछा नहीं छुड़वा पाते। बता दें वो इसलिए क्योंकि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं होती कि डिप्रेशन का कारण सिर्फ उनकी परेशानियां नहीं बल्कि उनकी कुंडली में मौज़ूद ग्रह भी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो डिप्रेशन क मुख्य कारण जातक की कुंडली के चंद्रमा और बुध का होना माना जाता है। कहा जाता है कि अगर अगर कुंडली में चंद्रमा की स्थिति सही न है तो व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। माना जाता है ऐसे मे अगर कुछ ज्योतिष उपाय किए जाए तो इससे बचा जा सकते हैं।

 

सबसे पहले जानते है डिप्रेशन का कारण-

चंद्रमा को मन का स्वामी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक डिप्रेशन में सबसे बड़ी भूमिका चंद्रमा और बुध की होती है। बता दें कि कुछ किंवदंतियों के अनुसार बुध को चंद्रमा का पुत्र भी माना जाता है। जहा बुध को बुद्धि का स्वामी कहा गया है। वहीं यह भी कहा जाता है कि डिप्रेशन को कम या ज्यादा करने में भी बुध की बड़ी भूमिका होती है।

 

कहा जाता है कि चंद्रमा को तीन ग्रह (शनि, राहु और सूर्य) प्रभावित करते हैं। ये तीनों ग्रह अलग-अलग तरह का डिप्रेशन पैदा करते हैं। अगर किसी की कुंडली में बुध ताकतवर है तो उस पर किसी ग्रह का कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि बुध बुद्धि का कारक है और बुद्धि मन पर काबू कर लेती है। अगर शनि चंद्रमा को प्रभावित करता है तो व्यक्ति को बहुत तकलीफ़ होती है। ऐसे हालात में व्यक्ति अध्यात्म की ओर चला जाता है। वहीं जब राहु डिप्रेशन पैदा करता है तो व्यक्ति को कल्पना वाली बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। जब सूर्य चंद्रमा के निकट होता है तो व्यक्ति अपनी खुशी और दुख पर नियंत्रण नहीं कर पाता। कभी- कभी बृहस्पति भी डिप्रेशन को कम कर देता है। क्योंकि चंद्रमा को बृहस्पति से शक्ति मिलती है।

 

कुंडली का पहला घर मस्तिष्क का प्रतिनिधित्व करता है और चंद्रमा को मस्तिष्क और भावनाओं का स्वामी माना जाता है। यदि जातक के जन्मांग चक्र के प्रथम भाव में चंद्रमा नीच का हो या पाप ग्रहों से युक्त हो तो ऐसी स्थिति जीवन में डिप्रेशन लाती है।

 

निम्नलिखित दशाएं जातक के जीवन में डिप्रेशन का होना बताती हैं

 

यदि चंद्रमा त्रिक भाव में छठवें, आठवें या बारहवें स्थान पर हो।

 

यदि चंद्रमा शनि, सूर्य, राहू या मंगल जैसे ग्रहों के साथ बैठा हो।

 

यदि चंद्रमा किसी भी घर में अकेला बैठा हो, उसके साथ कोई भी दूसरा ग्रह दिखाई ना दे रहा हो।

 

यदि चंद्रमा सूर्य के करीबी भाव में होकर अस्त के समान दिखाई दे।

 

यदि चंद्रमा पाप ग्रहों से युक्त हो या पाप ग्रहों के घर में बैठा हो।

 

यदि चंद्रमा लग्न या नवमांश में नीच राशि में हो।

समाधान

1.यदि जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है तो उसे मजबूत बनाने के लिए चांदी के गिलास में बार-बार पानी पीना लाभदायक होता है।

 

2.यदि चंद्रमा कमजोर होकर गलत घर में स्थित है तो चांदी में बनी हुई मोती की अंगूठी धारण करना चाहिए।

 

3.डिप्रेशन से परेशान जातकों को सोमवार का व्रत रखने से लाभ होता है।जिन लोगों को डिप्रेशन की बीमारी हो उन्हें अंधकार से दूर रहना चाहिए।

 

4.चंद्रमा के कमजोर होने की स्थिति में भगवान शिव की पूजा का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के भी उत्तम परिणाम सामने आते हैं।

 

5.जातक को अधिक से अधिक चांदी के आभूषण पहनने चाहिए। याद रखें कि इन आभूषणों में कहीं जोड़ ना हो और इन्हें सोमवार के दिन ही धारण करें।

 

6.हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव चंद्रमा के स्वामी माने जाते हैं। इसलिए डिप्रेशन में भगवान शिव की पूजा का विशेष लाभदायक प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में जातक को 108 बार ओम नमः शिवाय का जाप करने का निर्देश दिया जाता है। यदि आप ध्यान एकाग्र ना कर पा रहे हों, तो शांत मन से शिव चालीसा भी पढ़ सकते हैं। शिव जी की पूर्ण भक्ति से की गई साधना का प्रभाव सभी नकारात्मक प्रभावों को दूर करता है।

 

7.योग और प्राणायाम से भी डिप्रेशन दूर करने में मदद मिलती है 10 मिनट के लिए ओम शब्द के जाप से भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं।

 

8.भारतीय संस्कृति में मां को भगवान माना जाता है। यदि आप डिप्रेशन में हैं तो अपनी मां से खुलकर और अधिक से अधिक बात करें। यदि दुर्भाग्य से मां ना हों, तो किसी भी अधिक आयु की महिला, जो आपकी आत्मीय हो, उससे बात करें। हर सोमवार को उस महिला को सफेद फूल, सफेद मिठाई, सफेद वस्त्र, दूध, शक्कर जैसी कोई भी सफेद वस्तु भेंट करें।


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Nidhi

nice article


anshmaheshwari

Radhey Radhey


RahulRathi

Thanks For Information


VishwajeetBhutra

very good article. Vishwajeet Bhutra


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