एस्ट्रो प्रमोदकुमार त्रिपाठी
"/>पंचक का परिचय
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चंद्रमा जंब धनिष्ठा के तीसरे चरण में पूर्वा भाद्रपद ,उत्तरा भाद्र पद, व रेवती नक्षत्र तक पंचक होता ।
जब चंद्रमा मेंष राशि और अश्वनी नक्षत्र पर आता है।तब पंचक समाप्त होता है।
पंचक में न करने योग्य कार्य :
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1 पंचक में पलग बनवाना बड़े संकट को न्योता देेना है । 2 दक्क्षिन दिशा की यात्रा नही करना चाहिए।
3 धनिसठ| मे घास,लकडी,ईधन एकत्रित नही करना चाहिए।
4 शतभिषा मे कलह होता है।
5 पूर्वा भाद्रपद रोग कारक होता है |
6 उतरा भाद्र पद मे धन के रूप मे दंड होता है |
7 रेवती मे घर की छत नहीं बनवाना चाहिए धन हानि हो सकता है |
8 पंचक मे यदि कोई मर जाय तो जीतने पंचक शेष है उतने पुतले बनाकर पहले उन्हे जलावे और पंचक शांति करावे तब शव दाह करे |
पंचक मे शुभ कार्य
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1 धनिसठ| और शतभिखा नक्षत्र चल सज्ञक माने जाते है इसमे चलित कार्य जैसे यात्रा करना (दक्षिण दिशा को छोड़कर ) वाहन खरीदना मशीनरी कार्य
2 उतरा भाद्र पद स्थीर सज्ञक होने से बीज बोन, गृह प्रवेश , शांति पूजन ,जमीन से जुड़े कार्य करने मे सफलता मिलती है |
3 रेवती नक्षत्र मैत्री सज्ञक होने से कपड़े ,व्यापार से सबंधित ,सौदे करना विवाद का निपटारा गहने खरीदना शुभ होता है |
पंचक मे कार्य जरूरी हो तो
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1 यदि दक्षिण दिशा की यात्रा करना हो तो हनुमान मंदिर मे पाच फल चढ़ाए
2 यदि पंचक मे कोई मकान बन रहा हो तो या छत डालना हो तो मजदूरों को मिठाई खिलाने के बाद छत डालवानी चाहिए |
3 यदि चारपाई बनवानी जरूरी हो तो पंचक समाप्ति के बाद उस चारपाई का प्रयोग करे |
4 यदि लकड़ी का समान लेना अनिवार्य हो तो आप गायत्री यज्ञ करवा सकते है इससे पंचक के प्रभाव दूर रहेगे
पंचक के प्रकार
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1 राज पंचक : सोमवार से शुरू हुआ पंचक राज पंचक हो ता है इस दौरान सरकारी कार्यों और सपत्ती से जुड़े विवाद का निदान होता है
2 अग्नि पंचक :मंगल वार से शुरू हुए पंचक के आग लगने का भय रहता है इसलिए यह शुभ नहीं होता है |
3 मृत्यु पंचक :शनिवार को शुरू हुआ पंचक`सबसे ज्यादा घातक होता है इस दिन किसी कार्य की शुरुवात की गई तो मृत्यु तुल्य तकलीफ होता है |इसलिए इस दिन जोखिम भरा कार्य नहीं करना चाहिए |
4 चोर पंचक : शुक्रवार से शुरू हुआ पंचक को चोर पंचक कहते है |इस दिन यात्रा नहीं करना चाहिए और धन से जुड़ा कार्य नहीं करना चाहिए |धन की हानि हो सकती है |
5 बुध और गुरुवार का पंचक शुरू हो तो चारपाई और न करने योग्य कार्य नहीं करना चाहिए |
प्रस्तुत कर्ता :प्रमोदकुमार त्रिपाठी एस्ट्रोलाजर
हरि ॐ
very nice article by sir ji