मंगल का हुआ कर्क राशि में गोचर

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Astro Rakesh Periwal 23rd Jun 2019

*मंगल का हुआ कर्क राशि में गोचर, देखिये अपनी राशि पर असर।*
*मंगल ने किया चंद्र की राशि कर्क राशि में प्रवेश, सभी 12 राशियों पर दिखेगा असर। जानें आपकी कुंडली पर कैसा होगा इस गोचर का असर। 
* सौर मंडल में मंगल ग्रह को बेहद महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। कहा जाता है कि मंगल ग्रह धरती और उसके जीवों को कई सारी आपदाओं से बचाने में मदद करता है। जैसे मंगल ग्रह धरती को शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव से भी बचाता है। इसके साथ ही माना गया है कि मंगल ग्रह के कारण ही नीले समुद्र में मूँगे का जन्म होता है और यही विशेष कारण है कि प्रकृति में लाल रंग की उत्पत्ति हुई है।  ज्योतिष शास्त्रों में मंगल ग्रह को बेहद क्रूर ग्रह माना गया है। मंगल ग्रह को अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व प्राप्त है, इसलिए इसे अंगारे जैसा रक्त वर्ण भौम यानि भूमि पुत्र का दर्जा भी दिया गया है। लेकिन ये केवल अशुभ हो, ये आवश्यक नहीं। हर कुंडली के लिए मंगल अच्छा और बुरा दोनों तरह का फल देने में सक्षम है। वहीं अगर लाल किताब की मानें तो उसमें मंगल ग्रह को नेक और मंगल को शुभ और कभी-कभी अशुभ फल देने वाला ग्रह अलग-अलग रूप में माना गया है जिसके चलते ही जातक को मंगल ग्रह के फल और अन्य सभी बातों को अलग-अलग बताया गया है। लाल किताब के अनुसार कुंडली में मंगल के दोषपूर्ण या खराब होने की स्थिति के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। जिसके निवारण हेतु आपको इससे उपाय भी सुझाए गए हैं।  मंगल देव को युद्ध के देवता की उपाधि भी दी गयी है, जिन्हें शारीरिक ऊर्जा, आत्मविश्वास, अहंकार, क्रोध, वीरता और साहस जैसे गुणों का प्रतिनिधित्व भी प्राप्त है। इसी कारण जिस भी जातक की कुंडली में मंगल कमज़ोर होता है तो ये देखा गया है कि इसके दुष्प्रभाव से व्यक्ति को रक्त संबंधी समस्याएं, फोड़े, फुंसी, दुर्घटनाएँ आदि से जुड़ी कोई परेशानी रहती है और वह जातक आमतौर से थोड़ा डरपोक प्रवृत्ति का होता है। आइये जानें जातक के मंगल कमज़ोर या दुर्बल होने के पीछे क्या कारण होते हैं:-  भगवान हनुमान या श्री राम जी का मज़ाक उड़ाने या उनका अपमान करने से जातक का मंगल दुर्बल हो जाता है।अपने धर्म धर्म का पालन नहीं करने से भी जातक का मंगल खराब हो जाता है। घर या कार्य स्थल का पश्‍चिम कोण यदि अशुद्ध हो तो जातक का मंगल भी खराब होगा।अपने भाई या किसी मित्र या क़रीबी को दुश्मन बनाने से इसका बुरा असर आपके मंगल के ऊपर पड़ता है।निरंतर क्रोध करते रहने से मंगल ग्रह का कुंडली पर नकारात्मक प्रभाव दिखता है।किसी भी कुंडली के चौथे और आठवें भाव में मंगल का होना बेहद अशुभ माना गया है।किसी भी भाव में मंगल अकेला हो तो वो एक पिंजरे में बंद शेर की भाँति हो जाता है।सूर्य और शनि के साथ मिलकर मंगल अशुभ बन जाते हैं।मंगल के साथ केतु हो तो उसका बेहद अशुभ फल जातक को भुगतना पड़ता है। मंगल के साथ शत्रु ग्रह बुध का होना अशुभ फलों की प्राप्ति कराता है।  हर राशि के लिए मंगल का प्रभाव बेहद महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि इसके किसी कुंडली में बली या मजबूत होने पर जहाँ ये जातक को अच्छे फल देता है। वहीं कुंडली में मंगल के खराब होने पर जातक को कई गंभीर बीमारी या समस्या होने का खतरा सदैव बना रहता है। जानते हैं मंगल के खराब होने से जातक को किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है: मंगल ग्रह को हौसले, बल शक्ति और लड़ाई का प्रतीक बताया गया है। इसलिए यदि व्यक्ति डरपोक है तो उसका मतलब उसका मंगल खराब है।जिस भी जातक का मंगल खराब या कमज़ोर होता है तो उस जातक के बड़े भाई पर उसका अशुभ फल पड़ता है। मंगल के खराब होने पर जातक को संतान सुख की प्राप्ति होने में अड़चनें आती हैं। मंगल खराब होने पर व्यक्ति हर समय झगड़ता रहता है। मंगल के अशुभ प्रभाव के चलते व्यक्ति को जेल या कोर्ट -कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
  *गोचर काल का समय* अब यही पराक्रम और साहस का कारक लाल ग्रह मंगल 22 जून 2019, शनिवार को मिथुन से कर्क राशि में गोचर करने जा रहा है। मंगल का ये गोचर रात्रि 23:21 बजे कर्क राशि में होगा, जिसके बाद मंगल 9 अगस्त 2019 की सुबह 04:32 बजे तक इसी राशि में स्थित रहेगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल के इस गोचर का सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। इस राशिफल के अनुसार जानते हैं मंगल के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या होगा प्रभाव, लेकिन उससे पहले आइये जानते हैं कि ये गोचर देशभर में क्या बदलाव लेकर आने वाला है:- *मंगल गोचर का शेयर बाज़ार पर प्रभाव* मंगल ताँबा, सोना, लोहा एवं अन्य धातुएं, मशीनरी, चौपाये, गुड़, धनिया, हल्दी, गन्ना, मुनक्का, किशमिश, लौंग, सुपारी, किराना, लाल मिर्च, चाय, शराब, छुहारा, मसूर, मोठ तथा गेहूं को नियंत्रित करता है। इसके अतिरिक्त मंगल को बिजली अर्थात ऊर्जा का स्वामित्व प्राप्त होता है इसलिए अपनी नीच राशि कर्क में गोचर करने के कारण इन वस्तुओं के दामों में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है। 

*मंगल का राजनीति पर प्रभाव* हाल ही में आए लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों में जिस प्रकार बीजेपी को पीएम मोदी की अच्छी छवि का फायदा मिला। दरअसल उसके पीछे का कारण भी उनकी कुंडली में मंगल देव द्वारा रूचक योग बनाकर उन्हें अधिक शक्तिशाली बनाना शामिल है। उनकी कुंडली में मंगल की शुभ स्थिति में होना और नवम भाव में हो रहा ये गोचर उनके लिए बेहद अच्छा माना जा रहा है। इस गोचर के दौरान उन्हें और सफलताएँ एवं वाह-वाही मिलेगी। 
*मंगल के गोचर से देश पर पड़ेगा ऐसा असर* इसके अलावा 22 जून को जिस प्रकार मंगल अपनी नीच राशि कर्क में गोचर कर रहा है। उसी प्रकार 21 जून को मंगल के शत्रु ग्रह बुध का भी कर्क राशि में ही गोचर हुआ, जिसके चलते भारत के अपने पड़ोसी देशों से संबंध बिगड़ने या उसमें खटास आने की संभावना दिखाई दे रही है। ऐसे में इस गोचर के चलते देश भर के नेतों की जुबान खराब हो सकती है जिसके चलते आपको बीच-बीच में नेताओं से अपशब्द या जुबानी जंग सुनने को मिलती रहेगी। जिससे देश की छवि अंतराष्ट्रीय स्तर पर खराब हो सकती है।  *चलिए अब जानते हैं कैसा रहेगा 12 राशियों पर मंगल के कर्क राशि में हो रहे गोचर का विशेष प्रभाव
* मेष मंगल का गोचर आपकी राशि से चतुर्थ भाव में हो रहा है। इस भाव से हम माता, गृह निर्माण, वाहन सुख आदि के बारे में विचार करते हैं। मंगल के इस गोचर के आपको मिलेजुले परिणाम मिलेंगे। अपने माता-पिता का इस दौरान आपको विशेष ख्याल रखना होगा उनकी सेहत में गिरावट आ सकती है। वैवाहिक जीवन में आपको चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है। आपका जीवनसाथी इस दौरान किसी बात को लेकर आपसे नाराज़ हो सकता है। उनकी नाराज़गी को दूर करना चाहते हैं तो उनके साथ ज्यादा तर्क-वितर्क न करें। वक्त के साथ चीजें सकारात्मक रूप लेंगी। इस राशि के नौकरी पेशा लोग कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इस गोचर के चलते आपकी ऊर्जा में वृद्धि होगी और आप इस ऊर्जा को अच्छी तरह से इस्तेमाल भी कर पाएंगे। इस दौरान कुछ जातकों की आमदनी में वृद्धि होने की संभवना भी है। उपाय: मंगलवार को अनंतमूल की जड़ी अपनी भुजा में पहनें।

वृषभ मंगल के कर्क राशि में प्रवेश करते ही आपका तृतीय भाव सक्रिय हो जाएगा। काल पुरुष कुंडली में यह भाव मिथुन राशि का है और यह आपके साहस और पराक्रम का कारक होता है। इस भाव में मंगल के गोचर से आपकी संकल्प शक्ति में इज़ाफा होगा। आप जो सोचेंगे उसे करने की पूरी कोशिश करेंगे। हालांकि आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी चीज की अति न करें इससे आपको नुक्सान हो सकता है। तृतीय भाव में मंगल के गोचर के चलते आपके छोटे भाई-बहनों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं, इसलिए उनकी सेहत का ख्याल रखें। आपके जीवनसाथी को कार्यक्षेत्र में कामयाबी मिलने के योग हैं। यह गोचर समाज में आपके मान-सम्मान को भी बढ़ाएगा और इस दौरान आप अपने विरोधियों पर हावी रहेंगे। हालांकि आपको बेवजह के विवादों में इस समय नहीं पड़ना चाहिए। इस राशि के कुछ जातक इस दौरान छोटी दूरी की यात्रा पर भी जा सकते हैं। उपाय: मंगलवार के दिन लाल मसूर का दान करें।

मिथुन मंगल का गोचर आपकी राशि से द्वितीय भाव में हो रहा है। यह भाव धन और वाणी का कारक माना जाता है। द्वितीय भाव में मंगल के गोचर के चलते आपकी वाणी में कर्कशता आ सकती है। अगर आप शादीशुदा हैं तो आपका जीवनसाथी आपकी बातों से इस दौरान आहत हो सकता है। पारिवारिक जीवन में भी इस दौरान आप आक्रामक हो सकते हैं और आपका व्यवहार परिवार के सदस्यों को भी ठेस पहुंचा सकता है। आर्थिक पक्ष इस अवधि में मजबूत होगा। सेहत पर इस वक्त ध्यान देने की जरूरत है, आपका गलत व्यवहार आपको मानसिक तनाव दे सकता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपको एकांत में समय बिताने की जरूरत है और खुद का आकलन करने की आवश्यकता है। छात्र इस दौरान गलत संगति से बचकर रहें और जितना हो सके अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें। अगर आपको पाठ्यक्रम के किसी विषय में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो अपने गुरुजनों से बात करें। उपाय: ग़रीबों और ज़रूरतमंदों को अनार का दान करें।

कर्क मंगल ग्रह आपकी ही राशि अर्थात आपके प्रथम भाव या लग्न भाव में गोचर करेगा। काल पुरुष कुंडली में यह भाव मेष राशि का होता है और इस भाव से हम स्वभाव, स्वास्थ्य, आत्मज्ञान और आपके रंग रुप के बारे में विचार करते हैं। इस भाव में मंगल के गोचर से आपकी सेहत में गिरावट आ सकती है। इस गोचर के चलते आपको छोटी-छोटी बातों से भी ठेस पहुँच सकती है और आप बात-बात पर भावुक हो सकते हैं। हालांकि इस दौरान आपके क्रोध और अहंकार में भी वृद्धि देखी जा सकती है। जीवनसाथी के साथ बात करते समय शब्दों का सोच-समझकर इस्तेमाल करें आपकी कोई बात झगड़े का कारण बन सकती है। कार्यक्षेत्र में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। आपके अच्छे प्रयास आपको प्रगति के मार्ग पर ले जाएंगे। छात्रों के लिए यह गोचर अच्छा रहेगा, आप अपना ज्यादातर समय किताबों के बीच बिताना पसंद करेंगे। इस गोचर के दौरान आप विषम परिस्थितियों में भी अपने साहस के बल पर अच्छे परिणाम प्राप्त कर पाएंगे। उपाय: रोज़ाना चाँदी के बर्तनों का प्रयोग करें।

सिंह आपकी राशि से द्वादश भाव में मंगल का गोचर होगा। इस समयावधि में आप नौकरी या उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए विदेश जा सकते हैं। वहीं इस राशि के जो लोग पहले से ही विदेशों में रह रहे हैं उन्हें थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में इस दौरान आपको सफलता मिलेगी। आर्थिक पक्ष थोड़ा कमजोर रह सकता है इस समय आपके ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है जिसकी वजह से आपको मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है। वैवाहिक जीवन में भी संभलकर चलने की आवश्यकता है इस समय आपके जीवनसाथी के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करें और गप्पबाजी से बचें। जीवन की आपाधापी में खुद के लिए भी वक्त निकालना सीखें। इस राशि की गृहणियों को जीवनसाथी से कोई तोहफ़ा मिल सकता है। यह तोहफ़ा रिश्ते में नयी ताज़गी ला सकता है। उपाय: मंगल बीज मंत्र का जाप करें। कन्या आपके एकादश भाव में मंगल के गोचर से आपको जीवन के किसी क्षेत्र में उच्च लाभ मिलने की पूरी संभावना है। इस गोचर के चलते आपको आर्थिक परेशानियां नहीं होंगी और धन का आगमन किसी न किसी स्रोत से होता रहेगा। आर्थिक पक्ष मजबूत होने के कारण आप जीवन के अन्य पहलुओं पर ध्यान लगा सकेंगे। वैवाहिक जीवन में थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपके प्रति जीवनसाथी के प्रेम में कमी आ गई है। प्रेम संबंधों में पड़े इस राशि के जातकों को अपने संगी के प्रति ईमानदार होने की जरूरत है। सामजिक जीवन में आपको अच्छे फल मिलेंगे। अपने दोस्तों के साथ आप सैर-सपाटे पर जा सकते हैं। नौकरी पेशा लोग कार्यक्षेत्र में अपना प्रभुत्व बनाएंगे। आपके विरोधी इस दौरान आपके सामने टिक नहीं पाएंगे। कारोबारियों को इस दौरान किसी ऐसे काम से लाभ हो सकता है जिसमें सफलता मिलने की उनको उम्मीद नहीं थी। उपाय: तांबा एवं लाल पुष्प का दान करना आपके लिए शुभ होगा।
तुला मंगल ग्रह का गोचर आपकी राशि से दशम भाव में होगा। दशम भाव को कर्म भाव भी कहा जाता है। पारिवारिक मोर्चे पर आपको इस दौरान संभलकर चलने की जरूरत है। इस गोचर के दौरान घर में किसी बात को लेकर वाद-विवाद की स्थिति बन सकती है। मंगल के प्रभाव से इस दौरान आपका स्वभाव भी उग्र रहेगा। अपनी वाणी पर संयम रखने की कोशिश करें। नौकरी पेशा लोगों को कार्यक्षेत्र में अच्छे परिणाम मिलेंगे। आपका अच्छा काम बॉस की नजरों में आ सकता है और आपको पदोन्नति मिल सकती है। स्वास्थ्य को लेकर इस दौरान गंभीर होने की जरूरत है, ऐसे में जितना हो सके घर से बाहर भोजन करने से बचें। प्रेम में पड़े इस राशि के जातकों के जीवन में अड़चनें आ सकती हैं। छात्रों को भी पढ़ाई से ज्यादा इस समय खेलने-कूदने में मजा आएगा। खेलना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है लेकिन पढ़ाई के लिए भी समय अवश्य निकालें। उपाय: मंगलवार के दिन शिवलिंग पर गेहूँ एवं चना चढ़ाएँ।
वृश्चिक भविष्यफल के अनुसार मंगल का गोचर आपकी राशि से नवम भाव में हो रहा है। इस भाव को धर्म भाव भी कहा कहा जाता है। यह भाव कारक है धर्म का, भाग्य का, गुरु और गुरुतुल्य लोगों का। इस समय में आपको अच्छे फल पाने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ेगा। पिता से आपके संबंध बिगड़ सकते हैं और उनकी सेहत में गिरावट भी देखी जा सकती है। भाई-बहनों से रिश्ते बिगड़ सकते हैं इसलिए अपने अहम को पीछे रखकर उनसे बात करें। कार्यक्षेत्र में इस दौरान आपको सफलता मिलेगी और इस राशि के कुछ लोग जॉब में परिवर्तन भी कर सकते हैं। धर्म के प्रति आपका रुख इस दौरान अच्छा नहीं रहेगा। धर्म की बातों में आप कोई दिलचस्पी नहीं लेंगे। इस दौरान आप किसी लंबी दूरी की यात्रा 


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यस्मिन् जीवति जीवन्ति बहव: स तु जीवति | काकोऽपि किं न कुरूते चञ्च्वा स्वोदरपूरणम् || If the 'living' of a person results in 'living' of many other persons, only then consider that person to have really 'lived'. Look even the crow fill it's own stomach by it's beak!! (There is nothing great in working for our own survival) I am not finding any proper adjective to describe how good this suBAshit is! The suBAshitkAr has hit at very basic question. What are all the humans doing ultimately? Working to feed themselves (and their family). So even a bird like crow does this! Infact there need not be any more explanation to tell what this suBAshit implies! Just the suBAshit is sufficient!! *जिसके जीने से कई लोग जीते हैं, वह जीया कहलाता है, अन्यथा क्या कौआ भी चोंच से अपना पेट नहीं भरता* ? *अर्थात- व्यक्ति का जीवन तभी सार्थक है जब उसके जीवन से अन्य लोगों को भी अपने जीवन का आधार मिल सके। अन्यथा तो कौवा भी भी अपना उदर पोषण करके जीवन पूर्ण कर ही लेता है।* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।

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आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताआलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।राम।

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