हस्त रेखाओं में छुपे हुयें जीवन के रहस्य
Shareयह सत्य है कि व्यक्ति अपने कर्मो के आधार पर अपने भाग्य का स्वयं निर्माण करता है किन्तु भाग्य निर्माण हेतु उसके कर्मो के क्रियान्वयन में उसे भाग्य का सहयोग प्राप्त करना आवश्यक है । अर्थात् कर्म एवं भाग्य काचैली दामन का साथ है । दूसरे शब्दों में कहा जाये तोदोनो एक दूसरे के पूरक होतें है । कर्मशील व्यक्ति अपने भाग्य का सहयोग लेकर अपने जीवन मे कई उचाॅइयों को छू सकता है जबकि कर्महीन व्यक्ति के जीवन में भाग्य दरवाजे पर बार-बार दस्तक देकर लौट जाता है । जातक की हथेलियों में ईश्वर द्धारा प्रदत्त रेखाओं के माध्यम से जातक के भविष्य को जाना जा सकता है ।आवश्यकता इस बात की है कि हस्तरेखा विद्य दक्ष होना चाहियें एवं उसे तटस्थ होकर हथेली में उपलब्ध रेखाओ ंएवं चिन्हों का सम्पूर्ण विश्लेषण करना चाहियें ।
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