*आज महाशिवरात्रि को चार प्रहरों में होगा रुद्राभिषेक; अजय शास्त्री* फाल्गुन कृष्णपक्ष चतुर्दशी को महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी। दिन रात के चारों प्रहरोंं में होगी शिव पूजा,आज संयोग से प्रदोष और महाशिवरात्रि एक होने से दोनों ही तिथियां भगवान भोलेनाथ को समर्पित हैं। इस दिन शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए इसे रुद्राभिषेक भी कहते हैं। क्योंकि शिव जी का एक नाम रूद्र भी है रुद्र का अभिषेक यानी रुद्राभिषेक शहर के "धारूहेड़ा चुंगी" स्थित "ज्योतिष संस्थान" के ज्योतिषाचार्य अजय शास्त्री के अनुसार शिव पुराण में बताया गया है की रुद्राभिषेक करना विशेष फलदाई है। *सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा शिवात्मका* अर्थात सभी देवताओं की आत्मा में रूद्र उपस्थित है और सभी देवता रूद्र की आत्मा में हैं। रुद्र सर्वशक्तिमान है। रुद्राभिषेक में भगवान शिव के रूद्र अवतार की पूजा होती है। यह भगवान शिव का प्रचंड रूप है समस्त ग्रह बाधाओं और समस्याओं का नाश करता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया है घर में किन किन शिवलिंगों से पूजा कर सकते है। *स्वर्णम् कोटि गुणं महम्* अर्थात_सोने के शिवलिंग से भी करोड़ गुना पारद शिवलिंग का महत्व है। *पारद शिवलिंग, नर्मदेश्वर, पार्थिव(मिट्टी)* के शिवलिंग बनाकर घर में भी रुद्राभिषेक करवा सकते है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को जल,पंचामृत, बिल्वपत्र, भांग,आंकड़ा,धतूरा,शमी पत्ती आदि चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है। *पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं* शास्त्री जी के अनुसार शिवरात्रि में भोलेनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी प्राप्ति, दूध से मनोकामनाएं पूर्ण, घी से आरोग्यता व वंश वृद्धि, इत्र युक्त जल से बीमारी नष्ट होती है। सरसों के तेल से शत्रु नाश, दही से भवन वाहन प्राप्ति, तथा शहद युक्त जल से अभिषेक करने पर समस्त पापों का नाश होता है।