दोस्तों ज्योतिष सदा से ही लोगों के बीच एक रहस्यमय विषय रहा है प्रारंभ में कुछ विशेष लोगों को ही इस विद्या का ज्ञान था जो उनके द्वारा केवल अपने शिष्यों को दिया जाता था इसे हम श्रुति परंपरा भी कहते थे कालांतर में धीरे-धीरे इस संबंध में बहुत सी पुस्तकें भी लिखी गई अब सूचना क्रांति का विस्फोट होने के बाद ज्योतिष से संबंधित बहुत से ऐप्स और सॉफ्टवेयर उपलब्ध हो गए हैं जिनकी मदद से कोई भी व्यक्ति आसानी से कुंडली बना सकता है और यह बनाई हुई कुंडली भी बहुत सही होती है। अब प्रश्न आता है कि इस कुंडली को पढ़ने या इसका विश्लेषण करने का तो वो कैसे किया जाए ? हालांकि इंटरनेट पर बहुत सी जानकारी उपलब्ध है जिससे आप भी सीख सकते हैं की राशि कौन सी होती हैं भाव कौन से होते हैं दृष्टियां क्या होती हैं केंद्र कोण संबंध क्या होता है राजयोग क्या होता है उच्च नीच के ग्रह क्या होते हैं ऐसा बहुत सा ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं और जैसे ही आप इस ज्ञान को प्राप्त कर लेते हैं आपके मन में यह कुलबुलाहट होती है कि अब तो मैं कुंडली देख सकता हूँ फिर आप अपनी अपने दोस्तों की अपने रिश्तेदारों की मित्रों की कुंडलियों का विश्लेषण करने का प्रयास करते हैं लेकिन आप किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाते या किसी उल्टे-सीधे नतीजे पर पहुंचते हैं और फिर यह बात मन में घर कर जाती क्या यह सब गड़बड़ शास्त्र है ? ज्योतिष को समझना उनके नियमों के आधार पर निर्णय करना यह आसान काम नहीं है क्यों इस विषय पर हजारों तरीके की किताबें उपलब्ध है और जैसे-जैसे आदमी इन किताबों को पढ़ता जाता है उसका अहंकार इतना बड़ा हो जाता है कि वह अपने आप को बहुत बड़ा ज्योतिषी या ज्ञानी समझने लगता है लेकिन फिर भी किसी भी बिंदु पर तर्कसम्मत विश्लेषण प्रस्तुत नहीं कर सकता है? उदाहरण के लिए हम विवाह का प्रश्न लेते हैं तो इन किताबों में विवाह होने के कम से कम 20 सूत्र लिखे हुए हैं कि क्या होने पर विवाह होगा कोई ग्रह कहां बैठेगा किस ग्रह से युति करेगा किस की दृष्टि होगी लग्नेश सप्तमेश पर क्या होगा सप्तम भाव का क्या है नवांश में कौन सा संयोग है इत्यादि बहुत सारे सूत्र हुए है और इन सूत्रों को काटने के लिए भी कम से कम इतने ही सूत्र लिखे हुए हैं ऐसी स्थिति में सिर्फ कंफ्यूजन पैदा होता है फिर क्या किया जाए इस प्रश्न का उत्तर बहुत आसान है प्रेडिक्टिव एस्ट्रोलॉजी के द्वारा हम इस बात का बहुत ही आसानी के साथ उत्तर दे सकते हैं कि विवाह कब होगा इसमें हमें सिर्फ यह देखना है कि क्या विवाह की प्रॉमिस मौजूद है और मौजूद है तो डीबीए में 2,7, 11 भाव कब आ रहा है बस उसी समय विवाह होगा इसके अलावा किसी और चीज की जरूरत ही नहीं है। इसी तरह शिक्षा कैसी होगी नौकरी कब लगेगी विदेश यात्रा कब होगी आप प्रॉपर्टी कब खरीदेंगे संतान कब होगी ऐसे बहुत से प्रश्नों के उत्तर हम प्रेडिक्टिव एस्ट्रोलॉजी के द्वारा बहुत आसानी से दे सकते हैं। इस विद्या को सीखने के लिए हमें सिर्फ एक स्मार्टफोन नेट कनेक्शन चाहिए होगा जो लोग इस विषय में रुचि रखते हैं और यह विश्लेषण करने में दक्षता प्राप्त करना चाहते हैं की जीवन के इन प्रश्नों के उत्तर बिल्कुल एक्यूरेसी के साथ कैसे दिए जाएं तो वह मुझसे फेस टू फेस बैठकर ऑनलाइन इस विधा को सीख सकते हैं लगभग 3 सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद आप अपनी अपने मित्रों की रिश्तेदारों की कुंडली का विश्लेषण बहुत आसानी और सटीकता के साथ कर पाएंगे .