मंगल ग्रह
Shareनवग्रहो मे मंगल ग्रह को सेनापति माना गया है। मंगलवार दिन के यह स्वामी है।मेष व वृश्चिक राशि के राशि स्वामी मंगल ग्रह ही है। इनके विषय मे कहे तो ये तो भूमि, तांबा,खदान, सोना,मूंगा रत्न,खनिज और अयस्क, सोने की खानें,व टिन के प्रतिनिधि, संचालक माने गये है। इनका रंग लाल माना गया है। अग्नि तत्व इनका माना गया है।पराक्रम,भाई,क्रोध,शक्ति,साहस,भाई-बहिन,सामर्थ्य ,धैर्य के कारक है मंगल। तर्क शक्ति, संगठन क्षमता, पुलिस, सेना,षडयन्त्र,हड़ताल, शस्त्रागार, नेतृत्व व शासन क्षमता,श्रमिक नेतृत्व, घोटाले, भू-संरक्षण, अग्नि स्थान, रसोई, इंजन कक्ष,बायलर,शस्त्रास्त्र, युद्ध कौशल,रात्रि के समय कार्य करने वाले श्रमिक,नेतृत्व व शासन क्षमता के नियंत्रक ग्रह होते है मंगल ग्रह।गर्भपात, हेमरेज, रक्त विकार, गर्भाधान, मज्जा, शिराओं व धमनियों मे अव्यवस्था, मूत्र-प्रणाली, ऊतक विनाश ,मासिक स्राव मे अनियमितता,घाव व चोट, आदि के शासक व नियंत्रक है मंगल ग्रह।पुराणों में इन्हें भूमि पुत्र माना गया है।दक्षिण दिशा पर इनका पूर्ण स्वामित्व है इनका। एक राशि मे इनका गोचर 45 दिन रहता है।तमोगुणी, युवावस्था ,उग्र,स्वभाव माना जाता है इनका।आप भी दिखवाये जन्म कुंडली व पूंछे। पता करें ।
मनीष दुबे, ज्योतिष पारंगत, ज्योतिष गौरव सम्मान प्राप्त ,श्रेष्ठ कुंडली निर्माण व फलित ज्योतिष में मानद उपाधि प्राप्त,