स्वप्न ज्योतिष: ये 10 सपने आएं तो समझिए हो सकता है पैसों का नुकसान

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Pandit Prashant Joshi 02nd Aug 2021

उज्जैन. ज्योतिष में भी सपनों का विशेष महत्व बताया गया है। स्वप्न ज्योतिष में अनेक सपनों तथा उनसे जुड़े फलों का वर्णन मिलता है। आज हम आपको कुछ ऐसे सपनों के बारे में बता रहे हैं, जो हमें धन हानि के बारे में बताते हैं-


1. सपने में यदि किसी को खाली बैलगाड़ी दिखाई दे तो उसे आर्थिक नुकसान हो सकता है।

2. यदि कोई स्वप्न में स्वयं को घर का फर्नीचर या खिड़की तोड़ते हुए देखे तो शीघ्र ही उसकी स्थिति भिखारी जैसी हो सकती है।

3. अगर आपको कोई ऐसा सपना दिखाई दे जिसमें आप स्वयं को दिवालिया घोषित कर दें तो उस व्यक्ति का व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो सकता है।

4. जब कोई व्यक्ति सपने में किसी नगर पर विमानों को बम बरसाता हुआ देखता है, तो उसकी अचल संपत्ति नष्ट होने के योग बनते हैं।

5. यदि कोई व्यक्ति सपने में स्वयं को कहीं जाता हुआ देखता है तथा अंधेरा हो जाए तो उस व्यक्ति को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।

6. सपने में यदि किसी को उल्लू दिखाई देता है तो उसे धन हानि होती है तथा अन्य कष्ट भी उठाने पड़ सकते हैं।

7. यदि कोई व्यापारी स्वयं को गड्ढे में गिरता देखता है तो व्यापार में बड़ी हानि होने के योग बन सकते हैं।

8. जो व्यक्ति सपने में सोना मिलता हुआ देखता है, उसे धन-संपत्ति की हानि हो सकती है।

9. सपने में यदि कोई समाचार पत्र में अपने संबंधियों का समाचार पढ़ता है तो उसे भी धन हानि हो सकती है।

10. यदि कोई धनवान व्यक्ति सपने में चिडिय़ा को रोते हुए देखता है तो शीघ्र ही वह सड़क पर आ सकता है यानी उसका धन, वैभव व ऐश्वर्य आदि सभी कुछ नष्ट हो सकता है।


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PushpenderBhardwaj

सपने में साँप का देखना


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आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताआलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।राम।