इस रात चंद्र द्वारा अमृत वर्षा होती है और चंद्र की किरणों में औषधीय गुण विघमान होते हैं।
इसलिए इस रात्रि यह उपाय करें
खीर के लिए गाय के दूध में किशमिश, केसर, चावल मिश्रित कर खीर बनाएं। इसमें शक्कर के साथ कुछ मात्रा में मिश्री
चांदी के बर्तन में खीर को रखें और उसमें चांदी का टुकड़ा (गंगाजल से धोकर ) डाल दें और सारी रात चंद्रमा के सामने रख दें । सुबह नहा कर शुद्ध हो कर उसका भोग आपने ईष्ट देव को लगा कर प्रसाद की तरह खाएं और पूरे परिवार को खिलाएं।
चांदी के टुकड़े को निकाल कर अच्छे से धोकर गंगाजल छिड़क कर आपने पर्स यां धन रखने के स्थान पर रख लें।धन में वृद्धि होगी।
यदि चांदी का बर्तन नहीं हो तो मिटी का बर्तन यां कोई दूध वाला बर्तन प्रयोग कर सकते हैं और उसमें ही चांदी का चोरोस टुकड़ा डाल दें।जितने परिवार के सदस्य हैं वे आपने लिए उतने ही चांदी के टुकड़े डाल कर रख सकते हैं और भोग लगाने के बाद उनको निकाल कर अलग रख लें
शरद पूर्णिमा के दिन भगवान शिव का गाय के दूध से अभिषेक करने से आयु और आरोग्य में वृद्धि तो होती ही है, चंद्र से जुड़े जन्मकुंडली के समस्त दोष भी दूर हो जाते हैं। साथ ही भगवान शिव जी को अखंडित चावल भी चढा़एं
शिवलिंग का जल स्नान कराने के बाद पंचोपचार पूजा यानी सफेद चंदन, अक्षत, बिल्वपत्र, आंकडे के फूल व मिठाई का भोग लगाकर इस आसान शिव मंत्र का ध्यान कर जीवन में शुभ-लाभ की कामना करें -
यह शिव मंत्र मृत्युभय, दरिद्रता व हानि से रक्षा करने वाला माना गया है-
पंचवक्त्र: कराग्रै: स्वैर्दशभिश्चैव धारयन्।
अभयं प्रसादं शक्तिं शूलं खट्वाङ्गमीश्वर:।।
दक्षै: करैर्वामकैश्च भुजंग चाक्षसूत्रकम्।
डमरुकं नीलोत्पलं बीजपूरकमुक्तमम्।।