वास्तु और विदेश गमन
Shareविदेश गमन :-बहुत लोग विदेश जाना चाहते है कोई पढाई के लिए , कोई नौकरी के लिए तो कोई घूमने के लिए ,कुछ लोग सफल हो जाते कुछ नही. आजकल काफी लोग विदेशी कम्पनियो से (विद्यार्ति , नौकरशाह) अपनी कॉल या ईमेल की आस लगाये बैठे होते है क्यूंकि वे वह विदेश में काम करना चाहते है या पढ़ना चाहते है. वास्तु शास्त्र के अनुसार fविदेश में जाने के लिए उत्तर- पश्चिम दिशा (वायव्य कोण) सबसे महत्वपूर्ण होती है साथ ही ईशान कोण भी देखा जाता है. 1. नैऋत्य कोण में एक ग्लोब (globe) रखने से आपके विदेश जाने के अवसर बढ़ते है. ये ग्लोब क्रिस्टल का भी हो सकता है 2. ईशान कोण में शीशा लगाये 3. कभी कभी तैयारी के बाद भी विदेश जाने में कोई न कोई अड़चन आ ही जाती है तो ऐसे में वायव्य दिशा में एक कांच की कटोरी में देसी कपूर भर कर रख दे. 4. अपना पासपोर्ट पश्चिम में रखे 5. वायव्य दिशा को रंगो (color therapy) के उपयोग से या पिरामिड के प्रयोग से या अरोमा आयल (Aroma oil) के उपयोग से ऊर्जावान बनाकर अपने विदेश जाने की संभावना को बढ़ाया जा सकता है