राशियों के गुण-स्वरूप को भी समझने का प्रयास करते हैं यदि आप ध्यान पूर्वक देखते रहेंगे तो समझ सकेंगे कि ज्योतिष को कैसे समझा और जाना जा सकता है । विषम राशि - 1, 3, 5, 7, 9 और 11 अर्थात मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु और कुंभ विषम राशि है । सम राशि - 2, 4, 6, 8, 10 और 12 अर्थात बृष, कर्क, कन्या, बृश्चिक, मकर और मीन सम राशि है । जो विषम राशि है उसी को पूरूष राशि भी कहते हैं और क्रूर राशि भी कहते हैं । जो सम राशि है उसी को स्त्री राशि और सौमय राशि भी कहते हैं । राशियों के ही आधार पर हम जातक के गुण स्वरूप को समझते हैं - माना किसी की मेष राशि है तो मेष विषम राशि, पुरूष राशि और क्रूर राशि है अभी हम लोगों ने इतना ही समझा है तो इसके आधार पर कह सकते हैं कि जातक में पुरूषोचित गुण होगा और क्रोधी भी होगा यहां जातक का अर्थ स्त्री और पुरूष दोनों के संदर्भ में है अर्थात हम जिसकी भी पत्रिका देख रहे हैं उसे जातक से संबोधित करते हैं ।