आज भाव परिचय की बात होगी होगी । प्रत्येक भाव के क्रम को समझेंगे । पहला भाव को लग्न कहते हैं इसको समझने के लिए समझना है - जन्म के समय पूर्वी क्षितिज पर जो राशि उदय होती हुई प्रतीत हो वही लग्न की राशि होगी । प्रत्येक भाव को एक-एक नामों से समझने का भी प्रयास करते हैं । पहला - तन, दुसरा - धन, तीसरा - बल, चैथा - सुख, पांचवां - प्रेम, छठा - शत्रू, सातवां - भोग, आठवां - आयु, नौंवा - भाग्य, दसवां - कर्म, ग्यारहवां - आय, बारहवां - व्यय कहा गया है इसकी ही व्याख्या आगे समझेंगे ।