ज्वालामुखी योग
Shareज्वालामुखी योग:- विशेष तिथि व नक्षत्रों के मिलने पर अच्छे बुरे योगों का निर्माण होता हैं। इन सभी योगों में भी सबसे ज्यादा मात्रा में ताकत रखने वाले व सर्वाधिक अशुभता की श्रेणी में आने वाले योग मे ' ज्वालामुखी योग ' सम्मिलित हैं। इस योग में किसी नवीन या इच्छित कार्य को टाल देना चाहिए। यह योग निम्न स्थिति में बनता है:- (1) प्रतिपदा तिथि के दिन मूल नक्षत्र हो, (2) पंचमी तिथि के दिन भरणी नक्षत्र हो, (3) अष्टमी तिथि के दिन कृत्तिका नक्षत्र हो, (4) नवमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र हो, (5) दशम तिथि के दिन अश्लेषा नक्षत्र हो। उपरोक्त पांचों परिस्थितियों में बने योग के दिन किए जाने वाले कार्य, महत्वपूर्ण कार्य जीवन व कार्यो से, आजीविका से जुड़े सभी कार्यो को टाल देना चाहिए।
मनीष दुबे, ज्योतिष पारंगत, ज्योतिष गौरव सम्मान प्राप्त, श्रेष्ठ कुंडली निर्माण व फलित ज्योतिष मे मानद उपाधि प्राप्त,
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