बुध: वक्री होने पर बुध के शुभ या अशुभ फल देने के स्वभाव में कोई अंतर नहीं आता अर्थात किसी कुंडली विशेष में सामान्य रूप से शुभ फल देने वाले बुध वक्री होने की स्थिति में भी उस कुंडली में शुभ फल ही प्रदान करेंगे तथा किसी कुंडली विशेष में सामान्य रूप से अशुभ फल देने वाले बुध वक्री होने की स्थिति में भी उस कुंडली में अशुभ फल ही प्रदान करेंगे किन्तु वक्री होने से बुध के व्यवहार में कुछ बदलाव अवश्य आ जाते हैं। वक्री बुध आम तौर पर कुंडली धारक की बातचीत करने की क्षमता तथा निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर देते हैं। ऐसे लोग आम तौर पर या तो सामान्य से अधिक बोलने वाले होते हैं या फिर बिल्कुल ही कम बोलने वाले। कई बार ऐसे लोग बहुत कुछ बोलना चाह कर भी कुछ बोल नहीं पाते तथा कई बार कुछ न बोलने वाली स्थिति में भी बहुत कुछ बोल जाते हैं। ऐसे लोग वक्री बुध के प्रभाव में आकर जीवन मे अनेक बार बड़े अप्रत्याशित तथा अटपटे से लगने वाले निर्णय ले लेते हैं जो परिस्थितियों के हिसाब से लिए जाने वाले निर्णय के एकदम विपरीत हो सकते हैं तथा जिनके लिए कई बार ऐसे लोग बाद में पछतावा भी करते हैं किन्तु वक्री बुध के प्रभाव में आकर ये लोग अपने जीवन में ऐसे निर्णय लेते ही रहते हैं। इन बदलावों के अतिरिक्त आम तौर पर वक्री बुध अपने सामान्य स्वभाव की तरह ही आचरण करते