गुरु से सुख की बात होगी। शुक्र से कामना की बात होगी और शनि से दुःख की बात होगी । इसकी सरल व्याख्या समझते हैं ।
गुरु, शुक्र और शनि की व्याख्या जो बतायी जा रही है ज्योतिष पर ही आधारित है आपको शास्त्रीय पुस्तकों में इसकी चर्चा है लेकिन आज की व्याख्या को जब आप देखेंगे तो आपके लिए सरल होगा ग्रहों के गुण स्वरूप को समझना । गुरु सुख के शुक्र कामना के और शनि दुःख के कारक हैं यही बताया जा रहा है ।