पीपल वृक्ष का एक तन्त्र प्रयोग समस्त समाधान का हल
पीपल के वृक्ष के नीचे बैठे , तो कुछ ही समय में उसके रोग में कमी जड़ें दक्षिण ध्रुव का कार्य करती हैं । यह 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है और ऑक्सीजन का मार्ग पश्चिम से पूर्व आने लगती है । पीपल वृक्ष को पश्चिम दिशा में लगाने का वैज्ञानिक आधार यह है कि इसकी -उत्तर की ओर होता है , इसलिए पीपल को पश्चिम दिशा में लगाने की सलाह दी जाती है । पीपल का वृक्ष आकाशीय बिजली और भूकम्प से बचाव करता है । यह सदैव पश्चिम व दक्षिण दिशा से कार्बन डाई ऑक्साइड तथा अन्य जहरीली गैस खींचता है , जो उसकी जड़ों के माध्यम से जमीन के अंदर चली जाती हैं , परंतु ये सारी गैसें शनिवार को ही पीपल सोखता है । इसीलिए शनिवार को पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने की सलाह दी जाती है , ताकि बची हुई गैस के माइक्रोब दीपक की लौ में जल जाएं और बची गैस पीपल की जड़ व पत्ते तुरंत सोख लें । इसीलिए रविवार को पीपल के वृक्ष के स्पर्श के लिए मना किया गया है ।
श्रीमद्भगवद गीता के 10 वें अध्याय के 26 वें श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि मैं वृक्षों में पीपल हूं । पीपल का वृक्ष ही एक ऐसा वृक्ष है , जो कभीकिसी का एहसान नहीं रखता । इसीलिए शनिवार को पीपल को जड़ में मीठा जल अर्पित करने से आप अपनी सभी समस्याओं से मुक्ति पाने के अलावा आर्थिक व कारोबार संबंधी समस्याओं से भी मुक्ति पा सकते हैं । कुछ लोगों का यह मानना है कि पीपल के वृक्ष पर अशुभ शक्ति वास करती है । उनकी शंका का समाधान करना आवश्यक है ।
हिंदू धर्म में कहा गया है कि प्रेम द्वारा हम हर किसी को अपनी मदद के लिए तैयार कर सकते हैं । अतएव जब हम पीपल के वृक्ष की जड़ में मीठा जल अर्पित करेंगे , तो इससे शुभ शक्तियों के साथ अन्य अशुभ शक्तियां भी प्रसन्न होंगी , जो समय पर हमारी मदद के लिए आगे आएंगी । कई लोगों ने पीपल के वृक्ष की सेवा करके उन्नति की है तथा असमय होने वाली दुर्घटनाओं से भी बचे हैं । मैं स्वयं भी इस वृक्ष की सेवा का चमत्कार देख चुका हूं । मेरा एक जानने वाला है , जो बारबार सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होता रहता था । इससे निजात के लिए मैंने उसे पीपल में मीठा जल अर्पित करने की सलाह दी । प्रत्येक शनिवार को उसने पीपल में जल देना प्रारंभ कर दिया । जो पीपल पर दीपक के साथ मीठा जल अर्पित करता था , उसे याब तक खरोंच भी नहीं आई । अब इसको आप क्या कहेंगे । यहां पीपल वृक्ष से संबंधित कुछ प्रयोग बताए जा रहे हैं ।
यह प्रयोग उनके लिए अत्यधिक शुभ है , जिन पर अनाप - शनाप कर्ज है या जिन्हें कर्ज से मुक्ति नहीं मिल रही है अथवा इतना ब्याज देना पड़ता है , जितने में पूरे परिवार का खर्च चल सकता है । ऐसे जातक निम्नोक्त उपाय जितने अधिक विश्वास से करेंगे , उन्हें उतना ही शीघ्र फल प्राप्त होगा ।
तन्त्र प्रयोग
एक मिट्टी के कलश में आक की जड़ , पीपल की जड़ , धतूरे की जड़ , अपामार्ग की जड़ , दूर्वामूल , बड़ वृक्ष की जड़ शमी , जांडी के पत्ते तथा आम व गूलर के पत्ते डालकर दूध , घी , चावल , चना , मूंग , गेहूं , तिल एवं शहद मिलाएं ।
गाय छाछ के साथ दही डालें । इसके बाद उस कलश को पीपल वृक्ष की जड़ में गाड़ दें । इस प्रयोग के कुछ ही समय बाद आप अपनी महादरिद्रता से मुक्ति पा लेंगे । आपको पता भी नहीं चलेगा कि कर्ज कैसे समाप्त हो गया । आपकी कारोबार संबंधी अन्य समस्याओं का समाधान भी हो जाएगा । कहने का तात्पर्य यह है कि इस प्रयोग से आप अपने जीवन की प्रत्येक समस्या का समाधान कर सकते हैं ।
मात्रा को यथा योग्य इच्छा अनुसार ले सकते हैं
ज्योतिष दृष्टि से समस्त ग्रह आपके अनुकूल और कुंडली किसी प्रकार का दोष के प्रभाव 95 प्रतिसत खत्म हो जाता है।
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यह 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है