महा लक्ष्मीपूजन सामग्री 

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Ravinder Pareek 11th Nov 2020

महा लक्ष्मीपूजन सामग्री 
सामग्री आव्यशकतानुसार कम ज्यादा ला सकते है
पाना लक्ष्मी व श्री गणेश की मूर्तियां (बैठी हुई मूर्ति
१】धूप बत्ती (अगरबत्ती) 
२】चंदन
३】 कपूर 
४】केसर 
५】यज्ञोपवीत 5 
६】कुंकु 
७】चावल 
८】अबीर 
९】गुलाल, 
१०】अभ्रक 
११】हल्दी 
१२】सौभाग्य द्रव्य-
१३】मेहँदी 
१४】चूड़ी, 
१५】काजल, 
१६】बिछुड़ी आदि आभूषण 
१७】आंटी (कलावा)
१८】रुई 
१९】रोली,
२०】 सिंदूर 
२१】सुपारी, 
२२】पान के पत्ते 
२३】पुष्पमाला, 
२४】कमलगट्टे 
२५】धनिया खड़ा 
२६】 कुशा व दूर्वा
२७ पंच मेवा 
२८】गंगाजल
२९】शहद (मधु) 
३०】शकर
३१】 घृत (शुद्ध घी) 
३२】दही 
३३】दूध 
३४】ऋतुफल(गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े इत्यादि) 
३५】नैवेद्य या मिष्ठान्न (पेड़ा, मालपुए इत्यादि) ३६】इलायची (छोटी)
३७】लौंग 
३८】मौली
३९】इत्र की शीशी 
४०】तुलसी दल 
४१】सिंहासन (चौकी, आसन) 
४२】पंच पल्लव(बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते) सम्भब हो तो
४३】 लक्ष्मीजी का पाना (अथवा मूर्ति) 
४४】गणेशजी की मूर्ति सरस्वती का चित्र 
४५】चाँदी का सिक्का श्रद्धानुसार 
४६】लक्ष्मीजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र श्र्द्धा अनुसार 
४७】गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र श्रद्धाअनुसार 
४८】अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र श्रद्धानुसार 
४९】जल कलश (ताँबे या मिट्टी का) 
५०】सफेद कपड़ा (आधा मीटर)
५१】लाल कपड़ा (आधा मीटर) 
५२】दीपक बड़े दीपक के लिए तेल
५३】 ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा) 
५४】श्रीफल (नारियल)
५५】धान्य (चावल, गेहूँ)
५६】लेखनी (कलम) 
५७】बही-खाता, 
५८】स्याही की दवात
५९】तुला (तराजू) अगर संभव हो तो 
६०】 पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल) 
६१】एक नई थैली में हल्दी की गाँठ, खड़ा धनिया व दूर्वा आदि खील-बताशे अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र-

                -रविन्द्र पारीक 


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Comments

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KanhaiyaTiwari

very nice


Suman Sharma

Very good good 👍👍


Suman Sharma

Nice sir ji


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SureshPareek

FS16


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यस्मिन् जीवति जीवन्ति बहव: स तु जीवति | काकोऽपि किं न कुरूते चञ्च्वा स्वोदरपूरणम् || If the 'living' of a person results in 'living' of many other persons, only then consider that person to have really 'lived'. Look even the crow fill it's own stomach by it's beak!! (There is nothing great in working for our own survival) I am not finding any proper adjective to describe how good this suBAshit is! The suBAshitkAr has hit at very basic question. What are all the humans doing ultimately? Working to feed themselves (and their family). So even a bird like crow does this! Infact there need not be any more explanation to tell what this suBAshit implies! Just the suBAshit is sufficient!! *जिसके जीने से कई लोग जीते हैं, वह जीया कहलाता है, अन्यथा क्या कौआ भी चोंच से अपना पेट नहीं भरता* ? *अर्थात- व्यक्ति का जीवन तभी सार्थक है जब उसके जीवन से अन्य लोगों को भी अपने जीवन का आधार मिल सके। अन्यथा तो कौवा भी भी अपना उदर पोषण करके जीवन पूर्ण कर ही लेता है।* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।

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