प्रोफेशनली सफलता अच्छी रहे और मिले भी अच्छी इसके लिए हर एक जातक की कुंडली मे तीन भाव मुख्य रूप से जिम्मेदार होते है जिसमे सबसे पहला है दसवा भाव, दूसरा भाव और ग्यारहवा भाव।यदि इन तीनो भावो के स्वामी जन्मकुंडली में एक साथ युति, दृष्टि संबंध बनाकर केंद्र 1,4,7,10भाव या त्रिकोण 5, 9भाव या ग्यारहवे भाव मे बैठ जाते है तब यह बहुत अच्छी सफलता देते है क्योंकि दसवा भाव खुद में सफलता, उन्नति, कार्यछेत्र(profession) का है तो दूसरा भाव धन, ग्यारहवा भाव हर तरह के लाभ,वृद्धि, उन्नति और आय का है।जब यह तीनो भावो के स्वामी एक साथ इकठ्ठे बैठते तब निश्चित ही इंसान को कामयाब बना देते है।अब इसी दूसरे, ग्यारहवे, दसवे भाव स्वामी के साथ नवे भाव(भाग्य) का स्वामी भी साथ बैठ जाए या दृष्टि संबंध बना ले तब सोने पर सुहागा जैसी बात होगी क्योंकि ऐसी स्थिति में यहाँ भाग्य का साथ भी जातक के साथ होगा मतलब बहुत सफलता और professionally बहुत कामयाबी मिलेगी साथ ही धन, ऐश्वर्य, लाभ एक तरह से महाराजा के समान जीवन जीने को मिलेगा जिन भी जातको की कुंडली मे यह स्थिति ग्रहो की है वह बहुत ही कामयाब रहेंगे।। उदाहरण_के_लिए:- कन्या लग्न में बुध दशमेश होता है, शुक्र द्वितीयेश और चन्द्र ग्यारहवे भाव का स्वामी होता है अब यदि यह तीनो ग्रह किसी केंद्र या त्रिकोण जैसे कि 9वे भाव मे ही बैठ जाए तो जातक को बहुत कामयाब बना देंगे क्योंकि यहा तीनों ही भावो के स्वामी एक जगह है और वह भी त्रिकोण में।केंद्र या त्रिकोण या ग्यारहवे भाव से यदि यह ग्रह बाहर भाव मे जैसे कि 3, 6, 8या 12भाव मे जाएंगे तब थोड़ा माध्यम और कुछ दिक्कतों के साथ सफलता देंगे।। #नोट:- नोकरी, व्यवसाय या जिस भी छेत्र में जातक होता है उस छेत्र में सफलता देने के लिए यह ग्रहो का योग बहुत लाभ देता है ऐसे जातक professionally बहुत कामयाब रहते है।
nice one