देवप्रबोधिनी #एकादशी)#तुलसीविवाह (#देवप्रबोधिनी #एकादशी) #upay Ekadashi Tithi Begins - 13:34 on Nov 18, 2018 Ekadashi Tithi Ends - 14:30 on Nov 19, 2018 ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास की देव प्रबोधिनी #एकादशी को तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शालिग्राम और तुलसी जी का विवाह कराकर पुण्यात्मा लोग कन्या दान का फल प्राप्त करते है । तुलसी के पौधे को पवित्र और पूजनीय माना गया है। तुलसी की नियमित पूजा से हमें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। 🔔🐚 हरि प्रबोधिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को इस मंत्र से उठाना चाहिए 🐚🔔 *उतिष्ठ-उतिष्ठ #गोविन्द, उतिष्ठ गरुड़ध्वज l* *उतिष्ठ कमलकांत, त्रैलोक्यं मंगलम कुरु l l* भारतीय समाज में तुलसी के पौधे को देवतुल्य मान कर ऊंचा स्थान दिया गया है। यह औषधि के साथ ही मोक्ष प्रदायिनी भी है। तुलसी के संबंध में जन्म-जन्मांतर के बारे में अनेक पौराणिक गाथाएं विद्यमान हैं। तुलसी के अन्य नामों में वृन्दा और विष्णुप्रिया खास माने जाते हैं। 🙏🌹🔔🐚♨♨♨♨♨🔔🐚🌹🙏 🌹 *भीष्मपञ्चक व्रत* 🌹 *अग्निपुराण अध्याय – २०५* 🐚🔔 अग्निदेव कहते है – अब मैं सब कुछ देनेवाले व्रतराज ‘भीष्मपञ्चक’ विषय में कहता हूँ | कार्तिक के शुक्ल पक्ष की एकादशी को यह व्रत ग्रहण करें | पाँच दिनों तक तीनों समय स्नान करके पाँच तिल और यवों के द्वारा देवता तथा पितरों का तर्पण करे | फिर मौन रहकर भगवान् श्रीहरि का पूजन करे | देवाधिदेव श्रीविष्णु को पंचगव्य और पंचामृत से स्नान करावे और उनके श्री अंगों में चंदन आदि सुंगधित द्रव्यों का आलेपन करके उनके सम्मुख घृतयुक्त गुग्गुल जलावे ||१-३|| 🐚🔔 प्रात:काल और रात्रि के समय भगवान् श्रीविष्णु को दीपदान करे और उत्तम भोज्य-पदार्थ का नैवेद्ध समर्पित करे | व्रती पुरुष *‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादशाक्षर मन्त्र का एक सौ आठ बार (१०८) जप करे | तदनंतर घृतसिक्त तिल और जौ का अंत में ‘स्वाहा’ से संयुक्त *‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’* – इस द्वादशाक्षर मन्त्र से हवन करे | पहले दिन भगवान् के चरणों का कमल के पुष्पों से, दुसरे दिन घुटनों और सक्थिभाग (दोनों ऊराओं) का बिल्वपत्रों से, तीसरे दिन नाभिका भृंगराज से, चौथे दिन बाणपुष्प, बिल्बपत्र और जपापुष्पों द्वारा एवं पाँचवे दिन मालती पुष्पों से सर्वांग का पूजन करे | व्रत करनेवाले को भूमि पर शयन करना चाहिये | 🐚🔔 एकादशी को गोमय, द्वादशी को गोमूत्र, त्रयोदशी को दधि, चतुर्दशी को दुग्ध और अंतिम दिन पंचगव्य आहार करे | पौर्णमासी को ‘नक्तव्रत’ करना चाहिये | इस प्रकार व्रत करनेवाला भोग और मोक्ष – दोनों का प्राप्त कर लेता है | 🐚🔔 भीष्म पितामह इसी व्रत का अनुष्ठान करके भगवान् श्रीहरि को प्राप्त हुए थे, इसीसे यह ‘भीष्मपञ्चक’ के नाम से प्रसिद्ध है | 🐚🔔 ब्रह्माजी ने भी इस व्रत का अनुष्ठान करके श्रीहरि का पूजन किया था | इसलिये यह व्रत पाँच उपवास आदि से युक्त हैं | 🐚🔔 || 💥 तुलसी विवाह के दिन व्रत रखने का बड़ा ही महत्व है। इस दिन श्रद्धा-भक्ति और विधिपूर्वक व्रत करने से इस जन्म के साथ-साथ पूर्वजन्म के भी सारे पाप मिट जाते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है 🌹राम रामेति रामेति ,रमे रामे मनोरमे । सहस्त्रनाम ततुल्यं, राम नाम वरानने ।।🌹 🔔🐚 आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l 💥 एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए। 💥 एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम)* ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है। 💥 जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹