*****जय माता दी***** आज बात करते है बुध देव तथा राहू की बुध स्वभाव से बनिया है यानी चालाक बनिया बुध सुगंध और त्वचा बुद्धी आवाज और ब्यापार का कारक है बुध के दो स्वभाव होते है एक अपना एक दूसरे ग्रहो से मिलता जुलता जैसे बुध राहु और चद्र के स्वभाव यानी उनके फल भी जातक को देकर भ्रम पैदा करता है ऐ राजकुमार यानी 10-15 साल के बच्चे जैसे हरकते करता इसलिए बुध के हालाद समझ नही आते जिसे अधिकतर लोग राहू के हालाद समझ के उसके उपाय कर जाते है मनुष्य के मन दिमाग पर तीन ग्रहो का प्रभाव अधिक रहता है पहला चद्र जो चचंल बनाता एक सभय मे हजार खयाल देता है दूसरा बुध जो विवेक दिमाग का संचालन करता है चलाकी इसका रूप है और तीसरा राहू जो भ्रमित विचार देता यानी जो चीज हो नही सकती उसको उस तरफ भटकाने का प्रयास करता है जैसे गलत को सही समझ के काम करना ऐ उस तरफ मोडता है जो उसका था नही बस कुछ पल का भ्रम दे बैठता है की उसकी है राहू वाला जातक होता अकेला है पर उसके विचार मे कयी साथी दिखते है आज एक दोस्त बना वो छूटा दूसरा बना पर असल मे अपना कोई नही होता यही हालाद शादी मे भी राहू पैदा करता है शादी से पहले लव जोडता है जैसे शादी होगी तो फिर अकेला छोड देता है यानी भ्रम टूट जाता है क्यूकी गुरू और मगंल के साथ शुक्र तब जुड जाते है तो फिर हकीकत उस रिश्ते की बयान करता है यानी धोखा तनाव तलाक धन हानी के लक्षण उजागर हो जाते है खैर हम बात बुध की कर रहे थे बुध के बिना कोई विजनिष नही चल सकता न कोई पढाई और नौकरी सफल रूप से कर सकता है बुध खराबी के हालाद मे विजनिष खतम कर देता है ऐसे लोग डील करने मे सफल होती भी है तो आखिर मे आकर कोई जवाब नही आता बुध जब भी गोचर मे या वर्ष फल मे खराब आता है तो आदमी के कोई काम पूरे नही होते मानसिक तनाव बढ जाता है उस समय उनका पैसा फंस जाता है और वो कुछ बोल भी नही पाते अच्छे बुध की खासियत है की वो बोलने मे चतुर और दिमाग से चालाक होता खडे खडे लूट जाए पता भी न लगे ऐसा दिमाग देता है सामने वाले के चेहरे के हाव भाव देख के जुबान के वाक्य मे अदला बदली करता है ताकी आम हो और पता भी न लगे । कहते है जिनके सुर्य अच्छे होते है वो नौकरी मे सफलता पाते है और जिनके बुध अच्छे होते है वो नौकरी और बिजनिष दोनो मे सफल होते है पर बुध खराबी मे बिजनिष और नौकरी दोनो मे परेशानी देता है । ऐ लोग मेहनत करने पर भी सफल नही होते आखरी समय मे काम खराब होना और कोई अपरिचित ब्यक्ती इनका काम खराब कर जाता है वंही बुध और राहू दोनो साथ हो और खराबी मे हो तो आत्महत्या के विचार का आना या उसकी कोशिष करना कारण की इनको किसी भी जगह से कोई अच्छी खबर या रिश्तो मे तनाव बढना या नौकरी करके कमाकर जिनको भी पालते है वही ताने मारते है मगंल बुध राहू की युति बेहद खाराबी देता है गुस्से से खुद को चोट देना या उल्टी बुद्धी जिसे कहते है । राहू और बुध की युति डरपोक भी बनाती है किसी भी चीज न समझना या कनफ्यूज रहकर कोई सीधा फैसला न ले पाना ऐ उस जातक के अदंर पाया जाऐगा उसको सभी चिढाते रहेगे मजाक उडाते रहेगे । जिनकी कुडंली मे सुर्य चद्र और बुध एक साथ खाराबी मे आऐ तो उस जातक कोई सुख नही मिलता भले ही कमाई करता रहता हो सबसे अधिक मानसिक सुख उसका खराब होगा फिर परिवार का कोई रिश्ता साथ नही देता उल्टा कोसते रहेगे अकसर ऐ खराबी महिलाओ की कुडंली मे अधिक देखा है मैने । शनि देव का गोचर बदलने पर अधिकाशं लोगो की नीव खुद गई बुध का मित्र होने पर पूरा साथ भी शनि को मिला है ।। चूकी ऐ ग्रहो के राजकुमार है पर तो चचंल भी है इसलिए बच्चो मे एक उम्र तक चचंलता पायी जाती है क्यूकी कुमारवस्था का कारक । जिनका बुध शुभ रहता है उनकी सुगंने की शक्ती गजब होती है वह बोलने मे माहिर होते है उनकी बात का असर प्रत्यक्ष पडता है । लेकिन आज के समय मे ऐ अधिकतर खराब होता है यदि जन्म से बुध बच्चे का खराब हो तो या तो वो देर से बोलना शुरू करते है या रूक रूक कर अटक कर तुतलाकर बोलते है । जो बचपन से मदं बुध्दी होते है या कम दिमाग के होते है उनमे बुध और सुर्य की खराबी अधिक होती है । बच्चे चाहे जितने पढाई मे तेज हो गणित मे कमजोर रहते है । खराब बुध न नौकरी करने देता है न ब्यापार मे सफलता देता है मगंल के साथ आने पर यह सभोगं शक्ती को धीरे धीरे खतम कर देता है कन्या सतां ही देता है पुत्र होगा भी उम्र अधिक नही रहती उसकी । खराब बुध हमेशा विचारो मे भटकाव देता रहता है वो जो किसी को कुछ बोलेगा उसका उल्टा असर होता है सामने वाले को फायदा और खुद को नुकसान देगा । ऐसे जातक का विजनिष तो अच्छा शुरू होता है पर अतं मे हाथ कुछ नही आता ऐसे के पैसे को जो लेता है वापस नही देता अगर बुध राहू से युति करे तो खराब हालाद मे तो ऐसे को विजनिष वार बार बदलना पडता है उसे नुकसान उठाना पडता है या धोखा खाना पडता है ।