जय श्री राम!! "मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ । वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये" । ....अर्थात जो मन जितने तीव्र और पवन जितने वेगवान हैं, जो जितेंद्रिय हैं और जिन्होंने अपनी इंद्रियों को वश में किया हुआ है, जो बुद्धिमान हैं, विद्या और बुद्धि में श्रेष्ठ हैं, जो पवन देव के पुत्र हैं और वानरों में श्रेष्ठ हैं। श्री राम जी के दूत (श्री बजरंगबली हनुमान जी) की मैं शरण लेता हूं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हनुमान जयंती हर वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को होती है। चैत्र पूर्णिमा के दिन राम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था। इस वर्ष हनुमान जयंती 08 अप्रैल 2020 दिन बुधवार को है। पवनपुत्र के नाम से प्रसिद्ध हनुमान जी की माता अंजनी और पिता वानरराज केसरी थे। हनुमान जी को बजरंगबली, केसरीनंदन और आंजनाय के नाम से भी पुकारा जाता है। वास्तव में हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हैं, जिन्होंने त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम की भक्ति और सेवा के लिए जन्म लिया। संकटों का नाश करने वाले हनुमान जी को संकटमोचन भी कहते हैं। हनुमान जी की आराधना के लिए हनुमान जयंती का दिन बेहद शुभ माना जाता है। वैदिक ज्योतिष की मानें तो भगवान हनुमान बाल ब्रह्मचारी थे, जिन्होंने बचपन से लेकर अपना संपूर्ण जीवन राम भक्ति और भगवान श्री राम के चरणों में समर्पित कर दिया था। इसी लिए जो भी भक्त सच्चे दिन से बजरंगबली की आराधना करता है न केवल अंजनी पुत्र बल्कि स्वयं भगवान राम भी उन सभी भक्तों के समस्त दुःख-दर्द पलभर में दूर कर देते हैं। हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली की विधिवत पूजा पाठ करने से शत्रु पर विजय और मनोकामना की पूर्ति होती है हनुमान जयंती का महत्व समस्त भारत हनुमान जयंती को एक विशेष पर्व के रूप में मनाता है। हालांकि ये अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तिथि पर मनाया जाता है। जैसे उत्तर भारत में हनुमान जयंती हर वर्ष चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। तो वहीं दक्षिण भारत में हनुमान जयंती कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनानी शुभ मानी जाती है। पौराणिक ग्रंथों में इन दोनों ही तिथियों का उल्लेख आपको मिल जाएगा। गौरतलब है कि एक तिथि को हनुमान जी के जन्मदिवस के रुप में तो दूसरी तिथि को उनके विजय अभिनंदन महोत्सव के रुप में मनाया जाता है। हनुमान जयंती पूजा मुहूर्त हनुमान जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। ऐसे में चैत्र पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 07 अप्रैल 2020 दिन मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से प्रारंभ हो रहा है। पूर्णिमा तिथि का समापन 08 अप्रैल 2020 दिन बुधवार को सुबह 08 बजकर 04 मिनट पर होगा। ऐसे में हनुमान जयंती बुधवार को मनाई जाएगी। पूर्णिमा का सूर्योदय व्यापनी मुहूर्त 08 अप्रैल को ही प्राप्त हो रहा है, इसलिए 08 अप्रैल को सुबह 08 बजे से पूर्व हनुमान जयंती की पूजा कर लें। सुबह 08:04 बजे के बाद से वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा प्रारंभ हो जाएगी। 08 अप्रैल को सुबह 06:03 बजे से 06:07 बजे के बीच सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। इस बार हनुमान जयंती पर विशेष संयोग है। यह संयोग चार सौ साल बाद बना है। इस बार चैत्र पूर्णिमा पर हस्त नक्षत्र, बालव करण, व्यतिपात योग व आनंद योग, सिद्धयोग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग हैं। इन योगों के कारण इस बार हनुमान जयंती का महत्व और भी बढ़ गया है।इस समय में हनुमान जी की पूजा करना श्रेष्ठ है। व्रत एवं पूजा विधि से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें भक्तों के लिए हनुमान जयंती का खास महत्व है. संकटमोचन हनुमान को प्रसन्न करने के लिए भक्त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. मान्यता है कि इस दिन 7 या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पवन पुत्र हनुमान प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन होता है. घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होते हैं. हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है और सुंदर कांड का पाठ करने का भी प्रावधान है. शाम की आरती के बाद भक्तों में प्रसाद वितरित करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की जाती है. श्री हनुमान जयंती में कई जगहों पर मेला भी लगता है. इस दिन भक्तजन हनुमान मंदिरों में दर्शन करने के लिए जाते हैं। इस बार कोरोना लॉक डाउन के चलते घर पर ही भगवान हनुमान की विधिवत पूजा करनी होगी। हनुमान जयंती की पूजा विधि हिन्दू धर्म के अनुसार महावीर हनुमान की भक्ति करने से व्यक्ति के जीवन में न केवल सुख और समृद्धि का वास होता है बल्कि उसके समस्त दुःखों का नाश भी होता है। लेकिन शास्त्रों में हनुमान जी की पूजा के कुछ महत्वपूर्ण नियम बताए गया हैं, जिनका पालन हर व्यक्ति को अवश्य करना चाहिए। -सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। इसके बाद घर के मंदिर में पूजा की व्यवस्था करें - हनुमान जयंती के दिन सुबह-सवेरे उठकर सीता-राम और हनुमान जी को याद करें. - स्नान करने के बाद ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें. - इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करे -इस दिन हनुमान जी की पूजा करते वक़्त काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। अगर मुमकिन हो तो इस दिन लाल रंग या पीले रंग के कपड़े पहनकर ही पूजा करें। -पूर्व दिशा में हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करें. मान्यता है कि हनुमान जी मूर्ति खड़ी अवस्था में होनी चाहिए. - भगवान के सामने गाय के घी का चौमुखी दिया जलाएं। कहा जाता है कि इससे हनुमान जी अति प्रसन्न होते हैं। - पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें: 'ॐ श्री हनुमंते नम:'या ऊँ रामदूताय नम: मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करें। -हनुमान जयंती के दिन बजरंग बली को चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर चोला चढ़ाना शुभ माना जाता है। - हनुमान जी को पुरुष वाचक पुष्प जैसे गेंदा, हजारा, कनेर, गुलाब आदि ही चढ़ाएं। - स्त्रीवाचक फूलों को जैसे जूही, चमेली, चम्पा, बेला आदि न चढ़ाएं। - हनुमान जी को पान का बीड़ा चढ़ाएं. - मंगल कामना करते हुए इमरती का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है. - हनुमान जयंती के दिन रामचरितमानस के सुंदर कांड और हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। इस दिन कई लोग सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का अखंड पाठ भी करवाते हैं। - फिर हनुमान जी की आरती उतारें। - आरती के बाद गुड़-चने का प्रसाद बांटें. हनुमान जी को प्रसाद के रुप में बेसन के लड्डू चढ़ाएं -प्रसाद के रूप में मालपुआ, लड्डू, हलुआ, चूरमा, केला, अमरूद आदि का भोग लगाएं। -भगवान हनुमान की मूर्ति पर जनेऊ पहनाया जाता है और सिंदूर और चांदी का वरक भी चढ़ाते हैं। संध्या के समय दक्षिण मुखी हनुमान मूर्ति के सामने हनुमानजी के चमत्कारी मंत्रों का जाप करना फलदायी माना गया है। हनुमान जयंती के दिन बरतें ये सावधानियां - हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है. ऐसे में नहाने के बाद साफ-धुले कपड़े ही पहनें. - मांस या मदिरा का सेवन न करें. - जो भी भक्त हनुमान जयंती पर व्रत रखते हैं उन्हें विशेषतौर पर इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। - हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे और स्त्रियों के स्पर्श से दूर रहते थे. ऐसे में महिलाएं हनुमान जी के चरणों में दीपक प्रज्ज्वलित कर सकती हैं. - पूजा करते वक्त महिलाएं न तो हनुमान जी मूर्ति का स्पर्श करें और न ही वस्त्र अर्पित करें. -इस दिन हनुमान जी का स्मरण करते हुए पूर्ण ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने से लाभ मिलता है -जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान जरूर करें। इस समय जरूरतमंद लोगों के लिए खाने की व्यवस्था भी कर सकते हैं। हनुमान जयंती पर करें ये सरल ज्योतिषीय उपाय ऐसा माना जाता है कि हनुमान जयंती के दिन यदि कोई भी हनुमत प्रयोग किया जाए तो वो विशेष रूप से सफल जरूर होता है। तो आप भी इन उपायों को करके अपने जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं • 5 देसी घी के रोटी का भोग हनुमान जयंती पर लगाने से दुश्मनों से मुक्ति मिलती है। • कारोबार में वृद्धि के लिए हनुमान जयंती को सिंदूरी रंग का लंगोट हनुमानजी को चढ़ाएं । • हनुमान जी के मंदिर जाएं , उन्हें केसरी रंग का चोला चढ़ाएं और बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। सिर से 7 बार नारियल वारकर हनुमान जी के चरणों में रखें। • हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी के मंदिर जा कर उनका कोई भी सरल मंत्र पढ़ें और हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें। फिर हनुमान जी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसमें लौंग डालें। ऐसा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। • हनुमान जी को खुश करना है तो इस दिन उनकी मूर्ति के ऊपर गुलाब की माला चढ़ाएं। इसके बाद एक नारियल पर स्वास्तिक बनाएं। इस नारियल को हनुमान जी को अर्पित करें। इससे अगर आपके जीवन में कोई बुरा समय चल रहा होगा तो वह कट जाएगा। • यदि आप पैसों की तंगी से परेशान हैं तो हनुमान जयंती पर किसी पीपल के पेड़ के 11 पत्ते तोड़ लें और उस पर श्रीराम का नाम लिख हनुमान जी को चढ़ा दें। • हनुमान जी को विशेष पान का बीड़ा चढ़ाएं। इसमें सभी मुलायम चीजें डलवाएं, जैसे खोपरा बूरा, गुलकंद, बादाम कतरी आदि। हनुमान जयंती में हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है। इसलिए हनुमान जयंती पर उनकी पूजा करते समय अपना तन मन पूरी तरह स्वच्छ कर लें। कहने का मतलब है कि इस दिन ना तो मांस खाएं और ना ही मदिरा का सेवन करें। साथ ही पूजा के दौरान मन में कोई गलत भावना ना रखें।
nice info
very good information. Vishwajeet Bhutra
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