*सावन माह में रुद्राभिषेक का महत्व*
Share*सावन माह में रुद्राभिषेक का महत्व* शिव पुराण के रूद्रसंहिता में बताया गया है सावन के महीने में रुद्राभिषेक करना विशेष फलदाई है।लेकिन इस वर्ष कोरोना संकट के कारण आप घर पर ही यह पवित्र अभिषेक कर सकते हैं। *सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा शिवात्मका* *अर्थात* सभी देवताओं की आत्मा में रूद्र उपस्थित है और सभी देवता रूद्र की आत्मा में हैं। जैसा कि मंत्र में साफ लिखा है की *रुद्र ही सर्वशक्तिमान है।* रुद्राभिषेक में भगवान शिव के रूद्र अवतार की पूजा होती है। यह भगवान शिव का प्रचंड रूप है समस्त ग्रह बाधाओं और समस्याओं का नाश करता है। "महाविद्याक्षरा ज्योतिष संस्थान" के संचालक अजय शास्त्री ने बताया है *सावन के महीने में रुद्र ही सृष्टि का कार्य संभालते हैं* इसलिए इस समय रुद्राभिषेक अधिक और तुरंत फलदाई होता है इससे अशुभ ग्रहों के प्रभाव से जीवन में चल रही परेशानी भी दूर होती हैं परिवार में सुख समृद्धि और शांति आती है। *स्वर्णम् कोटि गुणं महम्* *अर्थात* सोने के शिवलिंग से भी करोड़ गुना पारद शिवलिंग का महत्व है।ज्योतिषाचार्य जी ने बताया है कि *शनि की साढ़ेसाती,ढैया व महादशा में मिलेगी राहत* 18 जुलाई व 1 अगस्त को प्रदोष है इन दोनों ही तारीखों को शनिवार है सावन माह के शनि प्रदोष व्रत करने से व भगवान भोलेनाथ का अभिषेक पूजन करने से शनि ग्रह के दोषों से मुक्ति मिलती है। *कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति* 25 जुलाई शनिवार को नाग पंचमी है जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है उनको चांदी के नाग नागिन सहित भगवान भोलेनाथ का अभिषेक पूजन करना चाहिए। *पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं* शास्त्री जी के अनुसार सावन में भोलेनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी प्राप्ति, दूध से मनोकामनाएं पूर्ण, घी से आरोग्यता व वंश वृद्धि, इत्र युक्त जल से बीमारी नष्ट होती है। सरसों के तेल से शत्रु नाश, दही से भवन वाहन प्राप्ति, तथा शहद युक्त जल से अभिषेक करने पर समस्त पापों का नाश होता है *सावन मास 6 जुलाई से शुरू होकर 3 अगस्त रक्षाबंधन तक रहेगा!* www.futurestudyonline.com