*क्या है ? मांगलिक दोष जानिए* -------------------------------- शनि के बाद मंगल ही ऐसा ग्रह है जो शुभ होने पर, अति शुभ फल देगा। और क्रूर होने पर सब कुछ समाप्त कर देगा , या सब कुछ ले लेगा। हम मंगल को ना तो पूरी तरह पोषक, और नहीं पूरी तरह विनाशक कह सकते हैं। जातक की कुंडली में मंगल की परिस्थिति का असर जातक को ताउम्र भोगना पड़ता है । कुंडली मिलान में मंगल पर ध्यान देना चाहिए। *विवाह में कुंडली के मिलान में 3 सबसे महत्वपूर्ण बातें होती है* 👉 *1) नाड़ीदोष ना हो।* 👉 *2 ) मांगलिक दोष या तो दोनों में ना हो ,या दोनों में हो ।* 👉 *3 ) गुण 16 से अधिक मिलते हो।* इसका मतलब यह है वर कन्या की कुंडली मे मांगलिक दोष का विचार करना बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसा माना जाता है कि 👉जिस वर या कन्या में मांगलिक दोष है। उसे किसी मांगलिक से ही विवाह करना चाहिए। 🔥मांगलिक का मांगलिक से विवाह अतिउत्तम ओर शुभफलदायक होता है। 🌞लेकिन मांगलिक का विवाह ,गेर मांगलिक से हो जाये तो हो सकता है, कि 👉 *1 वैवाहिक जीवन मे अड़चने आये* 👉 *2 तलाक की या झगड़े की स्थिति हो* 👉 *3 गेर मांगलिक की आयु कम हो जाये।* 👉मांगलिक दोष वाली कुंडली को शनि, राहु ,केतु ,ओर किसी परिस्थिति में सूर्य से भी परिहार किया जा सकता है। किसी योग ज्योतिष से संपर्क अवश्य करें!