बैठे बैठे पैर नहीँ हिलाना चाहिए 

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Ravinder Pareek 21st Sep 2020

बैठे बैठे पैर नहीँ हिलाना चाहिए 
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हमारे दैनिक जीवनचर्या का असर हमारे स्वास्थय और स्थिति पर पड़ता है | हमारे प्रत्येक कार्य और आदतों का सम्बन्ध हमारे स्वास्थय और सुख-समृद्धि से होता है ।यही कारण है की कुछ कार्यों को हमारी संस्कृति और धर्म में प्रोत्साहित किया जाता है और कुछ के लिए मना किया जाता है |
 अक्सर घर के वृद्धजनों द्वारा मना किया जाता है कि बैठे-बैठे पैर नहीं हिलाना चाहिए । वैसे तो यह सामान्य सी बात है, लेकिन इसके पीछे धार्मिक एवं वैज्ञानिक कारण भी हैँ । स्वभाव और आदतों का प्रभाव हमारे भाग्य और स्वास्थ्य दोनोँ पर पड़ता है ।
 शास्त्रों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति पूजन कर्म या अन्य किसी धार्मिक कार्य में बैठा है तो उसे पैर नहीं हिलाना चाहिए । ऐसा करने पर पूजन कर्म का पूरा पुण्य नहीं मिल पाता है । अधिकांश लोगों की आदत होती है कि वे जब कहीं बैठे होते हैं तो पैर हिलाते रहते हैं ।यह दिमाग की चंचलता और अनियंत्रित शारीरिक क्रिया का द्योतक है | 
इस संबंध में शास्त्रों के जानकारोँ के अनुसार, पैर हिलाने से धन का नाश होता है । धन की देवी महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती है । शास्त्रों में इसे अशुभ कर्म माना गया है । यदि हम शाम के समय बैठे-बैठे पैर हिलाते हैं, तो महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती है । धन संबंधी कार्यों में विलंब होता है एवं पैसों की तंगी बढ़ती है । वेद-पुराण के अनुसार, शाम के समय धन की देवी महालक्ष्मी पृथ्वी भ्रमण पर रहती हैं, ऐसे में यदि कोई व्यक्ति बैठे-बैठे पैर हिलाता है तो देवी उससे नाराज हो जाती हैं । 
लक्ष्मी की नाराजगी के बाद धन से जुड़ी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं । 
स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह आदत हानिकारक है । बैठे-बैठे पैर हिलाने से जोड़ों के दर्द की समस्या हो सकती है । पैरों की नसों पर विपरित प्रभाव पड़ता है । पैरों में दर्द हो सकता है । इसका बुरा प्रभाव हृदय पर भी पड़ सकता है । इन कारणों के चलते इस आदत का त्याग करना चाहिए ।
 शोधकर्ताओं का यह स्पष्ट कहना है कि लगातार पैर हिलाने जैसी बीमारी से दिल का दौरा पड़ने की संभावना तो तेज होती ही है, लेकिन साथ ही हृदय संबंधित अन्य बीमारियां भी व्यक्ति को घेर लेती हैं । मेडिकल साइंस में 'रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम' RLS के नाम से कुख्यात इस बीमारी का कारण नींद ना आना है । जब व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान होता है तो कुछ समय बाद वह 'रेस्टलेस लेग सिंड्रोम' की चपेट में चला जाता है ।
 इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को 'कार्डियोवैस्कुलर' संबंधित बीमारियां अपना शिकार बना लेती हैं और लगातार पैर हिलाते रहने से ब्लड प्रेशर के साथ-साथ दिल की धड़कनों की गति भी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से आगे चलकर जान जाने का खतरा भी बढ़ जाता है । अब आप ही सोचिए कि हमारे बड़े बुजुर्ग जो कहते हैँ, क्या वो गलत है ?? जो बातेँ हमारे वेदोँ और धर्मग्रंथोँ मेँ कही गयी है, वही बातेँ आज के वैज्ञानिक प्रमाणित कर रहे है।
एक अन्य तर्क के अनुसार लगातार पैर हिलाते रहने से मस्तिष्क से पैरो का कण्ट्रोल समाप्त हो जाता है न चाहते हुए भी पैर हिलने लगते हैं मनुष्य का कण्ट्रोल पैरो पर नही रहता अर्थात जो व्यक्ति अपने शरीर पर ही कण्ट्रोल नही कर सकता वो न तो परिवार समाज औऱ देश के नियमो हेतु योग्य है न कण्ट्रोल वो अपने शब्दों पर कर सकता है न ही मनोस्तिति पर ऐसे व्यक्ति को पैर हिलाने से पूर्व इन तथ्यों को जानना आवश्यक है 
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Comments

Post

Chander Mukhi

Good sir ji


Suman Sharma

very nice article by Astro Ravinder ji


Suman Sharma

very nice article by Astro Ravi ji


madan mohan

very good knowledge


Very meaningful important article


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