Shubham Garg
26th Oct 2019दीवाली पर कविता - सूर्य होता है नीच के शनि लगाए खींच के राहु करे भाऊ भाऊ चंद्र कहे कहाँ जाऊँ मंगल होता बड़ा लड़ाकु बुध कहे मैं पढ़ाकु शुक्र की क्या बात है वो तो जगमगाती रात है गुरु ज्ञान का सागर है केतु आध्यात्मिकता का गागर है (नोट सूर्य को नीच का कहना किसी के पिता का, राज्य का, या सूर्य प्रधान जातक का अपमान नहीं करना वरन दिवाली के समय सूर्य नीच राशि में होता है इसलिए लिखा है) ✒️ Shubham Garg
Like
(0)