*#भोजन के प्रकार* *# गीता में अर्जुन को 4 प्रकार से भोजन करने के लिए बताया था।* 👉🏿1) #पहला भोजन- जिस भोजन की थाली को कोई लांघ कर गया हो वह भोजन की थाली नाले में पड़े कीचड़ के समान होती है। 👉🏿2) #दूसरा भोजन- जिस भोजन की थाली में ठोकर लग गई ,पाव लग गया वह भोजन की थाली भिष्टा के समान होता है। 👉🏿3) #तीसरे प्रकार का भोजन -जिस भोजन की थाली में बाल पड़ा हो, केश पड़ा हो वह दरिद्रता के समान होता है। 👉🏿4)#चौथे नंबर का भोजन -अगर पति और पत्नी एक ही थाली में भोजन कर रहे हो तो वह मदिरा के तुल्य होता है और सुनो अर्जुन अगर पत्नी ,पति के भोजन करने के बाद थाली में भोजन करती है उसी थाली में भोजन करती है या पति का बचा हुआ खाती है तो उसे चारों धाम के पुण्य का फल प्राप्त होता है ।चारों धाम के प्रसाद के तुल्य वह भोजन हो जाता है। #विषेश सूचना -- और सुन अर्जुन- बेटी अगर कुमारी हो और अपने पिता के साथ भोजन करती है एक ही थाली में ,, उस पिता की कभी अकाल मृत्यु नहीं होती ,क्योंकि बेटी पिता की अकाल मृत्यु को हर लेती है ।इसीलिए बेटी जब तक कुमारी रहे तो अपने पिता के साथ बैठकर भोजन करें। क्योंकि वह अपने पिता की अकाल मृत्यु को हर लेती हैं। *स्नान कब ओर केसे करे घर की समृद्धि बढाना हमारे हाथमे है* सुबह के स्नान को धर्म शास्त्र में चार उपनाम दिए है। *1* *मुनि स्नान।* जो सुबह 4 से 5 के बिच किया जाता है। *2* *देव स्नान।* जो सुबह 5 से 6 के बिच किया जाता है। *3* *मानव स्नान।* जो सुबह 6 से 8 के बीच किया जाता है। . *4* *राक्षसी स्नान।* जो सुबह 8 के बाद किया जाता है। ▶️मुनि स्नान सर्वोत्तम है। ▶️देव स्नान उत्तम है। ▶️मानव स्नान समान्य है। ▶️राक्षसी स्नान धर्म में निषेध है। किसी भी मानव को 8 बजे के बाद स्नान नही करना चाहिए। *मुनि स्नान .......* 👉🏻घर में सुख ,शांति ,समृद्धि, विध्या , बल , आरोग्य , चेतना , प्रदान करता है। *देव स्नान ......* 👉🏻 आप के जीवन में यश , किर्ती , धन वैभव,सुख ,शान्ति, संतोष , प्रदान करता है। *मानव स्नान.....* 👉🏻काम में सफलता ,भाग्य ,अच्छे कर्मो की सूझ ,परिवार में एकता , मंगल मय , प्रदान करता है। *राक्षसी स्नान.....* 👉🏻 दरिद्रता , हानि , कलेश ,धन हानि , परेशानी, प्रदान करता है । किसी भी मनुष्य को 8 के बाद स्नान नही करना चाहिए। . पुराने जमाने में इसी लिए सभी सूरज निकलने से पहले स्नान करते थे। *खास कर जो घर की स्त्री होती थी।* चाहे वो स्त्री माँ के रूप में हो,पत्नी के रूप में हो,बेहन के रूप में हो। .🌝🌝 *घर के बडे बुजुर्ग यही समझाते हैं कि सूरज के निकलने से पहले ही स्नान हो जाना चाहिए।* . *ऐसा करने से धन ,वैभव लक्ष्मी, आप के घर में सदैव वास करती है।* .💵💴💶💷💰💵 उस समय...... एक मात्र व्यक्ति की कमाई से पूरा हरा भरा पारिवार पल जाता था , और आज मात्र पारिवार में चार सदस्य भी कमाते है तो भी पूरा नही होता। *उस की वजह हम खुद ही है । पुराने नियमो को तोड़ कर अपनी सुख सुविधा के लिए नए नियम बनाए है।* प्रकृति ......का नियम है, जो भी उस के नियमो का पालन नही करता ,उस का दुष्टपरिणाम सब को मिलता है। इसलिए अपने जीवन में कुछ नियमो को अपनाये । ओर उन का पालन भी करे। आप का भला हो ,आपके अपनों का भला हो। *मनुष्य अवतार बार बार नही मिलता।* . ☝🏼 *याद रखियेगा !* 👇🏽 *संस्कार दिये बिना सुविधायें देना, पतन का कारण है।* *सुविधाएं अगर आप ने बच्चों को नहीं दिए तो हो सकता है वह थोड़ी देर के लिए रोए।* *पर संस्कार नहीं दिए तो वे जिंदगी भर रोएंगे।* अपने हाथ की छोटी उँगली से शुरू करें :- (1)जल (2) पथ्वी (3)आकाश (4)वायू (5) अग्नि ये वो बातें हैं जो लोगों को मालूम होंनी चाहिए । *5 जगह हँसना करोड़ो पाप के बराबर है* 1. श्मशान में 2. अर्थी के पीछे 3. शौक में 4. मन्दिर में 5. कथा में *अकेले हो?* परमात्मा को याद करो । *परेशान हो?* ग्रँथ पढ़ो । *उदास हो?* कथाए पढो । *टेन्शन मे हो?* भगवत गीता पढो । *फ्री हो?* *व्रत,उपवास करने से तेज़ बढ़ता है* *आरती----के दौरान ताली बजाने से* दिल मजबूत होता है । ''हिन्दु ग्रंथो मे बताया गया है कि... *सुबह खाने में मौसमी फलों का ज्यूस एवं दोपहर को मट्ठा यानी छाछ और सांय काल भोजन के पश्चात गर्म दूध आदि 'पीना* *अमृत"है..* *खाने के बीच मे 'पानी ' पीना शरीर की* *''पूजा'' है...* *खाने के बाद 'पानी' पीना"* *बीमारीयो का घर है... लेकिन ये बात बहुत प्रचलन में हैं जबकि खाने के साथ जल ही भोजन को गलाता है लार मिलाकर लुगदी बनाता है खाने से पहले पानी पीना अति हानिकारक है खाने के पश्चात बहुत ठंडा जल ही पेट खराब करता है सामान्य जल नही* खाना खाते समय विरूद्ध भोजन नही करना चाहिए जैसे दूध के साथ नमक या नमकीन रात्रि में दही, खीर के साथ खट्टा तली हुई चीजों के साथ ठंडा पेय विरुद्ध भोजन करने से अनेक रोग पैदा हो जाते हैं जैसे पेट फूलना आंतों में सूजन पाइल्स के रोग चमड़ी के रोग यह सभी विरुद्ध भोजन से पैदा होते हैं बेहतर है खाना खत्म होने के कुछ देर बाद 'पानी 'पीये... *ये बात उनको भी बतायें जो आपको "जान"से भी ज्यादा प्यारे है...* रोज एक सेब नो डाक्टर । रोज पांच बदाम, नो कैन्सर । रोज एक निबु, नो पेट बढना । रोज एक गिलास दूध, नो बौना (कद का छोटा)। रोज 12 गिलास पानी, नो चेहेरे की समस्या । रोज चार काजू, नो भूख । रोज मन्दिर जाओ, नो टेन्शन । रोज कथा सुनो मन को शान्ति मिलेगी ।। "चेहरे के लिए ताजा पानी"। "मन के लिए गीता की बाते"। "सेहत के लिए योग"। और खुश रहने के लिए परमात्मा को याद किया करो । अच्छी बाते फैलाना पुण्य है रविन्द्र पारीक
बहुत ही खूब आर्टिकल
very nice article
बहुत अच्छा लेख
वाकई दुर्लभ जानकारी औऱ श्रेस्ठ लेख भोजन के बारे में बहुत कम लोगों को ज्ञान है
nice article 👍