शीर्षोदयी - 3, 5, 6, 7, 8 और 11 पृष्टोदयी - 1, 2, 4, 9, और 10 उभयोदयी - 12 यहां सिंह और बृश्चिक राशि का ध्यान रहेगा तो शीर्षोदयी आदि राशि को याद रखना सरल हो जाएगा । मीन को उभयोदयी कहा गया है क्योंकि इसके दोनों ओर सिर और पूंछ है । शीर्षोदयी, पृष्ठोदयी और उभयोदयी राशियों का विशेष प्रयोग प्रश्न शास्त्र में किया जाता है । जहां प्रश्न करते समय जो राशि लग्न की हो उसके आधार पर ही प्रश्न का उत्तर हां होना चाहिए या ना बताने कि दिशा में संकेत प्राप्त होने लगता है । फलित सिद्धान्त में आवश्यक्ता के अनुसार इसका विशेष अध्ययन किया जाएगा ।