आइए मंगल की कुछ बातें
Shareअशुभ मंगल के लक्षण और उपाय ।।
यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल देव खराब हैं तो जातक के साथ तथा जातक के घर में ऐसी पारिस्थि उत्पन्न होने लगती है , अगर आपके यंहा ऐसी परेशानियाँ हैं तो जानिये और उसके उपाय करके मंगल के कुद्रष्टि से बचिए .
१ :- बच्चे के घर के अंदर कलेश की स्थितियां उत्पन होती है।
२ :- भाई-भाई में नहीं बनती, घर के अंदर शादी, मंगल के जो कार्य होते है-विवाह, हवन,यज्ञ ये सारे मंगल कार्य है जिनमे देरी और खराबी होने लगती है।
३ :- घर के अंदर नित्य नये क्लेश उत्पन्न होने लगते है। घर के अंदर दुर्घटनाये, बीमारिया ऐसे आती है जो खून से सम्बंधित बीमारी होती है। मंगल का बिगड़ा हुआ रूप अलग होता है जिनका मंगल खराब होता है उनके घर में किसी भी मांगलिक कार्यक्रम विवाह, पार्टी, हवन के बाद बाद कोई न कोई अनहोनी घटना का हो जाना निशानी है
४ :- साथ ही लड़ाई-झगडे व् फसाद की स्थितियां निर्मित होने लगती है और बच्चे की पढ़ाई-लिखाई खराब होने लगती है। घर के अंदर दुर्घटनाये होती है या घर में बार-बार बीमारियां ऐसे आती है जो खून से सम्बंधित बीमारी होती है।
५ :- घर के अंदर बड़े बुजुर्ग इतने चिड़चिड़े हो जाते है कि घर के अंदर की सुख शांति नहीं रहने देते। इंसान की ना तो घर वालों से पूरी तरह बन पाती है और न ही पड़ोसियों के साथ मे पूरी बन पाती है। आपस के अंदर बेमतलब की जलन होने लगती है और बच्चे के अंदर ऐब जल्दी आने लगते है और 15 साल की उम्र से ही लड़ाई-झगडे व फसाद की स्थिति निर्मित होने लगती है और बच्चे की पढ़ाई-लिखाई खराब होने लगती है।
६ :- माथे पर से बाल उड़ जाते हैं, हड्डियों तथा गुर्दे की बीमारी हो जाती है, आँखें कमजोर हो जाती है
७ :- कमजोर मंगल सरकार से दंड दिलाता है, गुरु भी पीड़ित हो तो गृहस्थ जीवन भी दुखी रहता है
८ :- कमजोर मंगल वाले को मुफ्त का माल खाने की आदत हो जाती है जो बहुत ख़राब है जातक जिंदगी भर रोजी-रोटी के जुगाड़ में चिंतित रहता है , संतान पक्ष से भी दुखी रहता है
९ :- मंगल गृह खराब होने की स्थिति में पित विकार, त्वचा रोग, टाइफाइड और अपेंडिक्स हो सकते है |
अगर ऐसी घटनाएँ आपके साथ हो रही हैं तो ये निश्चित है की आपका मंगल गृह खराब है , मंगल गृह खराब होने पर आप इन परिस्थिति से गुजरते हैं अत आपको अगर परेशानी है तो कृपया हमारे पेज पर संपर्क करें , आपको इसके उपाय बताये जायेंगे . Future study online.com