राहू ग्रह से संबंधित जानकारी
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राहू ग्रह कृष्ण वर्ण , तमोगुणी, वाय तत्व प्रधान माने जाते है। इनकी स्वराशि कन्या,उच्च राशि मिथुन तथा धनु राशि मानी गई है । लंबा कद,कफ प्रकृति मानी गई है इनकी।काली तिल,तेल,नीला वस्त्र,गोमेद रत्न,तेल,शराब, कम्बल, आदि भी राहू के अंतर्गत आते है।लाटरी,अकस्मात घटना , अकस्मात धन मिलना, गुप्त धन,माया, भूतबाधा, तस्करी, अन्वेषण, जासूसी, जादू टोना, दादा, राजनीतिक उथल पथल ,उच्च प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ राजनीयिक, विश्लेषक, आदि के नियंत्रक ग्रह है राहू। अंतरिक्ष विज्ञान, मौसम विज्ञान संबंधित अध्ययन, नवीन खोजों व आविष्कारो,चोरी,निम्नस्तरीय कार्यो व सेवाओ से,मुकदमे, सजा, वनवास आदि से भी संबंधित है राहू ग्रह। मादक द्रव्य व पदार्थ, कपट,छल,रोग,त्वचा से संबंधित, मानसिक बीमारियों के, भ्रम व भय के साथ साथ हैजा,चेचक, मिरगी, कुष्ठ रोग, खुजली, मलेरिया व प्लेग,रक्त मे विष मिलना भी राहू से ही संबंधित है।दादा,नाना के भी संकेतक है।स्त्री लिंग,शूद्र वर्ण, है इनका।दक्षिण-पश्चिम दिशा का स्वामित्व है इनके पास।विशोंत्तरी दशा 18 वर्ष की है इनकी।सर्कस,जादूगर, मच्छर मारने की दवा या अगरबत्ती के व्यापारी, पुराने कपडों का व्यापार, विष चिकित्सक, सपेरों से,जहर उतारने वालो से भी, वायु सेवा,टेलीफोन व बिजली के सामान के विक्रेता,आदि भी राहू के अंतर्गत ही माने जाते है।पुराने वाहनों से संबंधित कार्य भी इन्ही से संबंधित है।शनि के समान धीमे, व आलसी प्रकृति के होते है।राहू संबंधित परिणाम को जन्मपत्रिका दिखवाकर समझा जाता है। जन्मपत्री बनवाई व दिखवाई जाती है स्वयं मिले, संपर्क के माध्यम से जानकारी प्राप्त करे।
मनीष दुबे, ज्योतिष पारंगत, ज्योतिष गौरव सम्मान प्राप्त, श्रेष्ठ कुंडली निर्माण व फलित ज्योतिष में मानद उपाधि प्राप्त,