जन्म नक्षत्रों का जीवन मे प्रभाव 3

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Astro Rakesh Periwal 13th Sep 2017

११.पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के जातक:-जो व्यक्ति पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे संगीत एवं कला के दूसरे क्षेत्र व साहित्य के अच्छे जानकार होते हैं क्योंकि इनमें इन विषयों के प्रति बचपन से ही लगाव रहता है। ये ईमानदार होते हैं व नैतिकता एवं सच्चाई के रास्ते पर चलकर जीवन का सफर तय करते हैं। इनके जीवन में प्रेम का स्थान सर्वोपरि होता है, ये प्रेम को अपने जीवन का आधर मानते हैं। इस नक्षत्र के जातक मार पीट एवं लड़ाई झगड़े से दूर रहना पसंद करते हैं। ये शांति पसंद होते हैं, कलह और विवाद होने पर बातों से समाधान निकालने की कोशिश करते हैं।पूर्वाफाल्गुनी के जातक शांत विचारधारा के होते हैं परंतु जब मान सम्मान पर आंच आने लगता है तो विरोधी को परास्त करने से पीछे नहीं हटते चाहे इसके लिए इन्हे कुछ भी करना पड़े। मित्रों एवं अच्छे लोगों का स्वागत दिल से करते हैं और प्यार से मिलते हैं। इनकी वाणी में मधुरता रहती है तथा अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन करना बखूबी जानते हैं।इस नक्षत्र में पैदा होने वाले व्यक्ति नौकरी से अधिक व्यवसाय में सफल होते हैं। ये स्वतंत्र विचारधारा के व्यक्ति होते हैं ये किसी के दबाव या अधीन रहकर कार्य करना पसंद नहीं करते हैं। इनपर शुक्र पर गहरा प्रभाव होता है, शुक्र के प्रभाव के कारण ये सांसारिक सुखों के प्रति काफी लगाव रखते हैं। ये अपने से विपरीत लिंग वाले व्यक्ति के प्रति विशेष लगाव रखते हैं। विपरीत लिंग वाले व्यक्ति के प्रति लगाव रहने के कारण इनके प्रेम सम्बन्ध भी काफी चर्चित होते हैं।ये साफ-सफाई व सुन्दर के चाहने वाले होते हैं फलत: ये जीवन में हर वस्तु को व्यवस्थित रूप से रखते हैं। ये अपनी रोजमर्रा की चीजों यथा वस्त्र, पुस्तक एवं अन्य सामान के साथ घर को भी व्यवस्थित और सजा संवार कर रखते हैं। ये मित्र बनाने में निपुण होते हैं फलत: इनकी दोस्ती का दायरा काफी बड़ा होता है। इनके पास काफी मात्रा में धन होता है, और ये हर प्रकार के भौतिक सुखों का आनन्द लेते हैं।इस नक्षत्र में पैदा हाने वाली महिलाओं के विषय में माना जाता है कि वे सुन्दर होती हैं, इनका स्वभाव कोमल होता है परंतु दिखावा और तारीफ सुनना इनके स्वभाव का एक हिस्सा होता है। इनके स्वभाव में चंचलता और अहं का भी समावेश होता है।

१२  उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के जातक:-उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र  में जिन लोगों का जन्म होता है उनका स्वभाव कैसा होता है,  इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा होता है एवं उनके विषय में ज्योतिषशास्त्र क्या कहता है आइये इस पर विचार करें। नक्षत्र मंडल में उत्तराफाल्गुनी १२ वां नक्षत्र होता है । इस नक्षत्र के स्वामी सूर्य होते हैं । यह नक्षत्र नीले रंग का होता है। इस नक्षत्र में जो लोग जन्म लेते हें उनके स्वभाव, व्यक्तित्व एवं जीवन के सम्बन्ध में ज्योतिषशास्त्र क्या कहता आइये इस विषय पर विचार करें।ज्योतिषशास्त्र के अनुसार उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के जातक उर्जावान होते हैं, ये अपना काम चुस्त फुर्ती से करते हैं। हमेशा सक्रिय रहना इनके व्यक्तित्व की विशेषता होती है। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के जातक बुद्धिमान एवं होशियार कहे जाते हैं। ये भविष्य सम्बन्धी योजना बनाने एवं रणनीति तैयार करने में कुशल होते हैं। इनके चरित्र की इस विशेषता के कारण अगर ये राजनीति के क्षेत्र में आते हैं तो काफी सफल होते हैं। राजनीतिक सफलता दिलाने में इनकी कुटनीतिक बुद्धि का प्रबल हाथ होता है।इनके विषय में यह कहा जाता है कि ये बहुत ही महत्वाकांक्षी होते हैं और अपनी महत्वाकांक्षा पूरा करने के लिए हर संभाव प्रयास करते हैं। ये अपना जो लक्ष्य तय कर लेते हैं उसे हर हाल में हासिल करने की चेष्टा करते हैं। उच्च महत्वाकांक्षा होने के कारण इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति छोटा मोटा काम करना पसंद नहीं करते हैं। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति सरकारी क्षेत्र में प्रयास करते हैं तो इन्हें जल्दी और बेहतर सफलता मिलती है। इनके लिए व्यापार एवं व्यवसाय या अन्य निजि कार्य करना लाभप्रद नहीं होता है।जो व्यक्ति उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र  में पैदा होते हैं वे स्थायित्व में यकीन रखते हैं, इन्हें बार बार काम बदलना पसंद नहीं होता है। ये जिस काम में एक बार लग जाते हैं उस काम में लम्बे समय तक बने रहते हैं। मित्रता के सम्बन्ध में भी इनके साथ यह बातें लागू होती हैं, ये जिनसे दोस्ती करते हैं उसके साथ लम्बे समय तक मित्रता निभाते हैं। इनके स्वभाव की विशेषता होती है कि ये स्वयं सामर्थवान होते हुए भी दूसरों से सीखने में हिचकते नहीं हैं। अपने स्वभाव की इस विशेषता के कारण ये निरंतन प्रगति की राह पर आगे बढ़ते हैं। इस राशि के जातक आर्थिक रूप से सामर्थवान होते हैं क्योंकि दृढ़विश्वास एवं लगन के साथ अपने लक्ष्य को हासिल करने हेतु तत्पर रहते हैं।पारिवारिक जीवन के सम्बन्ध में देखा जाए तो ये अपनी जिम्मेवारियों का पालन अच्छी तरह से करते हैं। अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए ये हर संभव सहयोग एवं प्रयास करते हैं। दूसरों पर दबाव बनाने की आदत के कारण गृहस्थ जीवन में तनाव की स्थिति रहती है।सामाजिक तौर पर इनकी काफी प्रतिष्ठा रहती है और ये अपने आस पास के परिवेश में सम्मानित होते हैं। शारीरिक तौर पर ये सेहतमंद और स्वस्थ रहते हैं।

१३. अपनी बुद्धि से बनते हैं धनवान हस्त नक्षत्र के जातक:- भूमंडल में विचरण करने वाले नक्षत्रों में हस्त नक्षत्र का स्थान तेरहवां है। इस नक्षत्र का स्वामी चन्द्रदेव  है। और इस नक्षत्र की राशि कन्या है। ज्योतिषशास्त्र कहता है जो व्यक्ति जिस नक्षत्र में जन्म लेता है उस पर जीवन भर उस नक्षत्र और उस नक्षत्र की राशि का प्रभाव रहता है। ज्योतिष के इस सिद्धांत पर और भी जानकारी लेते हैं और देखते हैं कि हस्त नक्षत्र में पैदा लेने वाले व्यक्ति पर इस नक्षत्र और राशि का क्या प्रभाव होता है।ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र  में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर चन्द्रदेव का प्रभाव रहता है, चन्द्रदेव के प्रभाव के कारण व्यक्ति शांत स्वभाव का होता है, परंतु इनका मन चंचल होता है। दूसरों की सहायता करना इन्हें अच्छा लगता है और इसमें बढ़ चढ़ कर आगे आते हैं। इनका व्यक्तित्व आकर्षक और प्रभावशाली होता है।इस नक्षत्र के जातक पर कन्या राशि का प्रभाव होता है जिसके कारण इनकी बौद्धिक क्षमता अच्छी होती है। इनके मस्तिष्क में नई नई योजनाएं उभरती रहती हैं। ये पढ़ने लिखने में तेज होने के साथ ही शब्दों के भी जादूगर होते हैं, अपनी बातों से अपना सिक्का जमा लेते हैं। किसी भी विषय को आसानी से समझ लेने की क्षमता इनमें बचपन से रहती है, आपकी वाणी में मधुरता और चतुराई का समावेश होता है। बौद्धिक क्षमता प्रबल होने के बावजूद एक कमी होती है कि आप किसी विषय में तुरंत निर्णय नहीं ले पाते हैं।आप शांति पसंद होते हैं, कलह और विवाद की स्थिति से आप दूर रहना पसंद करते हैं। आपके मन में एक झिझक रहती है फिर आप नये नये मित्र बना लेते हैं। आप मित्रों से काम निकालना भी खूब अच्छी तरह से जानते हैं। अवसर आने पर जिधर लाभ दिखाई देता है उस पक्ष की ओर हो लेते हैं।इस नक्षत्र के जातक नौकरी की अपेक्षा व्यवसाय करना पसंद करते हैं। व्यवसाय के प्रति लगाव के कारण ये इस क्षेत्र में काफी तेजी से प्रगति करते हैं। आर्थिक रूप से इनकी स्थिति अच्छी रहती है। इनके पास काफी मात्रा में धन होता है। ये हर प्रकार के सांसारिक सुखों का आनन्द लेते हैं और सुखमय जीवन व्यतीत करते हैं। इनका पारिवारिक जीवन सुखमय और आनन्दमय रहता है। जीवन साथी से इन्हें पूर्ण सहयोग एवं सहायता प्राप्त होती है। अपने कार्यों से ये समाज में मान सम्मान एवं आदर प्राप्त करते हैं।कई मौंकों पर अपने स्वार्थ को प्रमुखता देने के कारण कुछ लोग इन्हें स्वार्थी भी कहने लगते हैं। ये लोगों के कहने पर विशेष ध्यान नहीं देते हैं और जो अपने मन में होता है वही करते हैं, ये अपनी धुन में रहने वाले होते हैं। इन्हें जीवन में कभी भी आर्थिक तंगी या परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है क्योंकि ये अपनी बुद्धि का इस्तेमाल धनोपार्जन में बखूबी कर पाते हैं। अपनी बुद्धि से अर्जित धन के कारण इन्हें कभी भी आर्थिक रूप से परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।

१४. खुशहाल और सुखमय जीवन जीते हैं चित्रा नक्षत्र के जातक:-चित्रा नक्षत्र की गिनती शुभ नक्षत्रों में की जाती है। आकाशमंडल में इस नक्षत्र का स्थान चौदहवां है। इस नक्षत्र का स्वमी मंगल ग्रह होता है इस नक्षत्र के दो चरण कन्या राशि में होते हैं और दो तुला राशि में। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र का रंग काला होता है।चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर मंगल ग्रह का और इसके राशियों का भी प्रभाव देखा जाता है। म्रगल और राहु के कारण चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति का स्वभाव, व्यवहार और व्यक्तित्व कैसा होता है आइये इस विषय पर हम आप चर्चा में भाग लें। ज्योतिषशास्त्र के मतानुसार जिस व्यक्ति का जन्म चित्रा नक्षत्र में होता है वह व्यक्ति मिलनसार होता है अर्थात वह सभी के साथ बेहतर सम्बन्ध बनाये रखते हैं व जो भी लोग इनके सामने आते हैं उनके साथ खुलकर मिलते हैं। ये उर्जा से भरे होते हैं और इनमें साहस कूट कूट कर भरा होता है ये किसी भी काम में पीछे नहीं हटते हैं और अपनी उर्जा शक्ति से कार्य को पूरा करते हैं। ये विपरीत स्थितियों से घबराते नहीं हैं बल्कि उनका साहस पूर्वक सामना करते हैं और कठिनाईयों पर विजय हासिल करके आगे की ओर बढ़ते रहते हैं।आपके स्वभाव में व्यवहारिकता का पूर्ण समावेश होता है। व्यावहारिकता का दामन थाम कर आगे बढ़ने के कारण आप जीवन में निरन्तर सफलता की राह में आगे बढ़ते रहते हैं। ये काम में टाल मटोल नहीं करते हैं, जो भी काम करना होता है उसे जल्दी से जल्दी पूरा करके निश्चिन्त हो जाना चाहते हैं। आपके व्यवहार और स्वभाव में मानवीय गुण स्पष्ट दिखाई देता है। अपने मानवीय गुणों के कारण आप आदर प्राप्त करते हैं। इनके स्वभाव की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इन्हें बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है और ये किसी बात पर तुरंत उत्तेजित हो जाते हैं। इस नक्षत्र के जातक अगर संयम से काम लें तो इनके लिए बहुत ही अच्छा रहता है। जिन व्यक्तियों का जन्म चित्रा नक्षत्र में होता है वे लोग नौकरी से अधिक व्यवसाय को महत्व देते हैं। व्यवसायिक मामलों में इनकी बुद्धि खूब चलती है, अपनी बुद्धि से ये व्यवसाय में काफी तरक्की करते हैं। इस नक्षत्र के जातक बोलने की कला में भी प्रवीण होते हैं जिसके कारण वकील के रूप में भी सफल होते हैं ज्योतिषशास्त्री बताते हैं कि इस नक्षत्र के जातक की सबसे बड़ी ताकत है "परिश्रम",  अपनी इस ताकत के कारण ये जिस काम में भी हाथ लगाते हैं उसे पूरा करके ही दम लेते हैं।चित्रा नक्षत्र का एक महत्वपूर्ण गुण है आशावाद। यह इनका गुण भी है और इनकी ताकत भी, यही कारण है कि ये जल्दी किसी बात से निराश नहीं होते हैं। इनके जीवन में सांसारिक सुखों की कमी नहीं रहती है। ये हर प्रकार के सांसारिक एवं भौतिक सुखों का उपभोग करते हैं ये काफी धनवान होते हैं क्योंकि ये धन दौलत जमा करने के शौकीन होते हैं। आपके पास सवारी के लिए अपना वाहन होता है। इनका पारिवारिक जीवन सुखमय और खुशहाल होता है, आपको अपने जीवनसाथी से पूर्ण सहयोग एवं सुख मिलता है। संतान की दृष्टि से भी आप काफी भाग्यशाली होते हैं, आपकी संतान काफी समझदार और होशियार होती है, अपनी बुद्धि और समझदारी से जीवन में उन्नति कती है। चित्रा नक्षत्र के जातकों को मित्रों एवं रिश्तेदारों से भी समर्थन एवं सहयोग मिलता है। कुल मिलाकर कहा जाय तो चित्रा नक्षत्र में जिनका जन्म होता है उनका जीवन खुशहाल और और सुखमय होता है।

१५. स्वाति नक्षत्र के जातक मोती के समान चमकते हैं:- स्वाति नक्षत्र का स्वरूप मोती के समान है। इसे शुभ नक्षत्रों में गिना जाता है। इस नक्षत्र के विषय में मान्यता है कि, इस नक्षत्र के दौरान जब वर्षा की बूंदें मोती के मुख में पड़ती है तब सच्चा मोती बनता है, बांस में इसकी बूंदे पड़े तो बंसलोचन और केले में पड़े में कर्पूर बन जाता है। यानी देखा जाय तो यह नक्षत्र गुणों को बढ़ाने वाला व्यक्तित्व में निखार लाने वाला होता है। इस नक्षत्र के विषय में यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस नक्षत्र में पैदा लेते हैं वे मोती के समान उज्जवल होते हैं।स्वाति नक्षत्र राहु का दूसरा नक्षत्र है । यह नक्षत्रमंडल में उपस्थित २७ नक्षत्रों में १५वां है  । इसकी राशि तुला होती है। इन सभी के प्रभाव के कारण इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति में सात्विक और तामसी गुणों का समावेश होता है। ये अध्यात्म में गहरी आस्था रखते हैं। आपका जन्म स्वाति नक्षत्र में हुआ है तो आप परिश्रमी होंगे और अपने परिश्रम के बल पर सफलता हासिल करने का ज़ज्बा रखते होंगे।आप राहु के प्रभाव के कारण कुटनीतिज्ञ बुद्धि के होते है, राजनीति में आपकी बुद्धि खूब चलती हैं, राजनीतिक दांव पेंच और चालों को आप अच्छी तरह समझते हैं यही कारण है कि आप सदैव सतर्क और चौकन्ने रहते हैं। आप राजनीति में प्रत्यक्ष रूप से हों अथवा नहीं परंतु अपका व्यवहार आपको राजनैतिक व्यक्तित्व प्रदान करता है। आप अपना काम निकालना खूब जानते हैं। आप परिश्रम के साथ चतुराई का भी इस्तेमाल बखूबी करना जानते हैं। आप इस नक्षत्र के जातक हैं और सक्रिय राजनीति में हैं तो इस बात की संभावना प्रबल है कि आप सत्ता सुख प्राप्त करेंगे।सामाजिक तौर पर देखा जाए तो लोगों के साथ आपके बहुत ही अच्छे सम्बन्ध होते हैं क्योंकि आपक स्वभाव अच्छा होता है। आपके स्वभाव की अच्छाई एवं रिश्तों में ईमानदारी के कारण लोग आपके प्रति विश्वास रखते हैं। आपके हृदय में दूसरों के प्रति सहानुभूति और दया की भावना रहती है। लोगों के प्रति अच्छी भावना होने के कारण आपको जनता का सहयोग प्राप्त होता है और आपकी छवि उज्जवल रहती है।आप स्वतंत्र विचारधारा के व्यक्ति होते हैं अत: आप दबाव में रहकर काम करने में विश्वास नहीं रखते हैं। आप जो भी कार्य करना चाहते है उसमें पूर्ण स्वतंत्रता चाहते हैं। नौकरी, व्यवसाय एवं आजीविका की दृष्टि से इनकी स्थिति काफी अच्छी रहती है। आप चाहे नौकरी करें अथवा व्यवसाय दोनों ही में कामयाबी हासिल करते हैं। आप काफी महत्वाकांक्षी होते हैं और सदैव ऊँचाईयों पर पहुंचने की आकांक्षा रखते हैं।आर्थिक मामलों में भी स्वाति नक्षत्र के जातक भाग्यशाली होते हैं, अपनी बुद्धि और चतुराई से काफी मात्रा में धन सम्पत्ति प्राप्त करते हैं। स्वाति नक्षत्र में पैदा होने वाले व्यक्ति पारिवारिक दायित्व को निभाना बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। अपने परिवार के प्रति काफी लगाव व प्रेम रखते हैं। आप सुख सुविधाओं से परिपूर्ण जीवन का आनन्द लेते हें। आपके व्यक्तित्व की एक बड़ी विशेषता यह होती है कि आप अपने प्रतिद्वंद्वी को सदा पराजित करते हैं और विजयी होते हैं।

१६. सोलहवां नक्षत्र है विशाखा नक्षत्र:-विशाखा नक्षत्र को नक्षत्र मंडल में 16 वां स्थान प्राप्त है। इस नक्षत्र को त्रिपाद नक्षत्र कहते हैं क्योंकि इसके तीन चरण तुला राशि में होते हैं और अंतिम चरण वृश्चिक में। इसका रंग सुनहरा होता है।इस नक्षत्र के स्वामी देवगुरू बृहस्पति होते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर बृहस्पति और उपरोक्त राशी का भी प्रभाव पड़ता। आइये देखें कि इनके प्रभाव से विशाखा नक्षत्र के जातक का व्यक्तित्व कैसा होता है।ज्योतिषशास्त्र के नियमानुसार जो व्यक्ति विशाखा नक्षत्र में जन्म लेते हैं उनकी वाणी मीठी होती है, ये किसी से भी कटुतापूर्वक नहीं बोलते हैं। शिक्षा की दृष्टि से इनकी स्थिति अच्छी रहती है, बृहस्पति के प्रभाव से ज्ञान प्राप्ति के लिए बाल्यकाल से इनके अंदर एक उत्सुकता बनी रहती है। ये पठन-पाठन में अच्छे होते हैं जिससे उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त करते हैं। इस नक्षत्र में पैदा लेने वाले व्यक्ति के विषय में ज्योतिषशास्त्र कहता है कि ये शारीरिक श्रम करने में पीछे रहते हैं जबकि बुद्धि का उपयोग अधिक करते हैं।समाजिक दृष्टि से देखा जाय तो इनका सामाजिक दायरा काफी विस्तृत होता है। ये बहुत ही मिलनसार व्यक्ति होते हैं, लोगों के साथ बहुत ही प्रेम और आदर से मिलते हैं। अगर किसी को इनकी जरूरत होती है तो मदद करने में ये पीछे नहीं रहते हैं यही कारण है कि जब भी इन्हें किसी की मदद की आवश्यक्ता होती है लोग इनकी मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति की विशेषता होती है कि ये किसी भी स्तर के हों परंतु सामजिक सेवा से सम्बन्धित संस्थानों से जुडे़ रहते हैं।पारिवारिक दृष्टिकोण से देखा जाय तो इन्हें संयुक्त परिवार में रहना पसंद होता है। इन्हें अपने परिवार से काफी लगाव व प्रेम होता है एवं अपने पारिवारिक जिम्मेवारियों का निर्वाह करना ये बखूबी जानते हैं। इस नक्षत्र के जातक की कोशिश रहती है कि अधिक से अधिक समय अपने परिवार के साथ व्यतीत हो। इनके अंदर घर के प्रति विशेष लगाव रहता है।आजीविका के संदर्भ में बात करें तो इस नक्षत्र के जातक को नौकरी करना ज्यादा अच्छा लगता है व्यवसाय करने से। सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए ये भरपूर चेष्टा करते हैं। इस नक्षत्र के जातक व्यवसाय भी करते हैं तो किसी न किसी रूप में सरकार से सम्बन्ध बनाये रखते हैं। इनके व्यक्तित्व में विशेष आकर्षण होता है और हृदय विशाल होता है। इनमें मानवीय संस्कार और गुण वर्तमान होते हैं।आर्थिक रूप से विशाखा नक्षत्र के जातक भाग्यशाली कहे जाते हैं, इन्हें अचानक धन का लाभ होता है, ये लॉटरी के माध्यम से भी धन प्राप्त करते हैं। ये धन संग्रह करने के भी शौकीन होते हैं जिसके कारण काफी धन संचय कर पाते हैं। इन्हें जीवन में कभी भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है, अगर कभी धन की कमी भी महसूस होती है तो वह अस्थायी होती है।विशाखा नक्षत्र के जातक के विषय में ज्योतिषशास्त्र कहता है कि ये बहुत ही महत्वाकांक्षी होते हैं। अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए ये भरपूर परिश्रम करते हैं फलत: इन्हें सफलता मिलती है और ये उच्च पद को प्राप्त करते हैं।

१७. अनुराधा नक्षत्र के जातक अनुभवी एवं सिद्धांतवादी होते हैं:-अनुराधा नक्षत्र को नक्षत्र मंडल में १७वां स्थान प्राप्त है। इसे शुभ नक्षत्र के रूप में शुमार किया जाता है। इस नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह है। और इस नक्षत्र की राशि वृश्चिक है और इस राशि का स्वामी मंगल कहलता है। इस नक्षत्र के स्वामी और राशि के स्वामी में वैर भाव होता है। इस स्थिति का जातक पर क्या प्रभाव होता है और उसका व्यक्तित्व एवं स्वभाव कैसा होता है आइये इसे देखें:जो व्यक्ति अनुराधा नक्षत्र में जन्म लेते हैं उनमें संयम की कमी होती है अर्थात वे अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लग जाते हैं। ये बातों को दिल में नहीं रखते हैं जो भी मन में होता है स्पष्ट बोलते हैं। इनके इस तरह के व्यवहार के कारण लोग इन्हें कटु स्वभाव का समझते हैं।अनुराधा नक्षत्र में पैदा लेने वाले व्यक्ति दूसरों पर अपना प्रभाव बनाने की कोशिश करते हैं। जब ये किसी की सहायता करने की सोचते हैं तो दिल से उनकी सहायता करते हैं परंतु जुबान में तीखापन होने के कारण लोग इनसे मन ही मन ईर्ष्या और द्वेष की भावना रखते हैं।इनके जीवन की एक बड़ी विशेषता यह है कि ये जीवन में काफी उतार-चढ़ाव का सामना करते हुए सफलता की राह में आगे बढ़ते हैं। ये मुश्किलों के बावजूद भी सफलता प्राप्त करते हैं क्योंकि ये लक्ष्य के प्रति गंभीर होते हैं और जो भी अवसर इनके सामने आता है उसका पूरा-पूरा लाभ उठाते हैं। इनकी सफलता का एक और भी महत्वपूर्ण कारण यह है कि ये परिश्रमी होते हैं और वक्त़ का पूरा पूरा सदुपयोग करते हैं।अनुराधा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति नौकरी से अधिक व्यवसाय में रूचि रखते हैं। ये व्यवसाय के प्रति काफी गंभीर होते हैं फलत: व्यवस्थित रूप से अपने व्यापार को आगे ले जाते हैं। इस नक्षत्र के जातक नौकरी करते हैं तो प्रभुत्व वाले पदों पर होते हैं। ये अपने कार्य और जीवनशैली में अनुशासन बनाये रखते हैं। ये जीवन में सिद्धांतों को सबसे अधिक महत्व देते हैं। इनकी अनुशासनप्रियता के कारण लोग इनसे एक निश्चित दूरी बनाये रखना पसंद करते हैं।सिद्धांतवादी होने के कारण इनके गिने चुने मित्र होते हैं, अर्थात इनका सामाजिक दायरा बहुत ही छोटा होता है। इनके इस स्वभाव के कारण भी परिवार में तनाव और विवाद की स्थिति बनी रहती है। ये जीवन का अनुभव अपने संघर्षमय जीवन से प्राप्त करते हैं। जो लोग इनके व्यक्तित्व के गुणों को पहचानते हैं वे इनसे सलाह लेते हैं क्योंकि ये काफी अनुभवी होते हैं।धन सम्पत्ति की स्थिति से विचार किया जाए तो अनुराधा नक्षत्र के जातक के पास काफी धन होता है। ये सम्पत्ति, ज़मीन में धन निवेश करने के शौकीन होते हैं। निवेश की इस प्रवृति के कारण ये सम्पत्तिशाली होते हैं।

१८. ज्येष्ठा नक्षत्र के जातक का व्यक्तित्व:-ज्येष्ठा नक्षत्र को अशुभ नक्षत्रों की श्रेणी में रखा गया है क्योंकि यह गण्डमूल नक्षत्रों में शुमार किया जाता है। इस नक्षत्र का स्वामी बुधदेव को माना जाता है और इसकी राशि वृश्चिक होती है। मंगलदेव इस राशि का स्वामी होते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर उपरोक्त स्थिति का क्या प्रभाव होता है और इससे व्यक्ति के स्वभाव एवं व्यक्तित्व पर क्या प्रभाव होता है आइये इसे समझते हैं।ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जो व्यक्ति ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे तुनक मिजाजी होते है जिसके कारण छोटी छोटी बातों पर लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। ये काफी फुर्तीले होते हैं और अपने काम को जल्दी से जल्दी निबटा लेते हैं। ये समय की क़ीमत जानतें हैं अत: व्यर्थ समय नहीं गंवाते हैं। इनके व्यक्तित्व की एक बड़ी विशेषता यह होती है कि जो भी काम ये काम करते हैं उसे पूरी तनम्यता और कुशलता के साथ करते हैं।जो व्यक्ति ज्येष्ठा नक्षत्र में पैदा होते हैं वे खुले मस्तिष्क के व्यक्ति होते हैं, ये संकुचित विचारधाराओं में बंधकर नहीं रहते हैं। ये काफी बुद्धिमान होते हैं जिससे किसी भी विषय को तुरंत समझ लेते हैं। बुद्धिमान होने के बावजूद इनके व्यक्ति की एक बड़ी है जल्दबाज़ होना। जल्दबाजी में ये कई बार ग़लती भी कर बैठते हैं। इनके व्यक्तित्व की दूसरी कमी है इनका स्पष्टवादी होना और वाणी में मधुरता की कमी रहना अर्थात कटु बोलना। व्यक्तित्व की इन कमियों के कारण इस नक्षत्र के जातक का सामाजिक दायरा काफी सीमित होता है। सामाजिक दायरा सीमित रहने के बावजूद ये समाज में मान सम्मान प्राप्त करते हैं तथा प्रसिद्धि प्राप्त करते हैंज्योतिष सिद्धान्त के अनुसार जो व्यक्ति ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे नौकरी में हों अथवा व्यवसाय मे दोनों ही में इन्हें कामयाबी मिलती है। नौकरी करने वाले उच्चपद पर आसीन होते हें एवं कई लोग इनके निर्देशन में काम करते हैं। इस नक्षत्र के जो जातक व्यवसाय करते हैं वे व्यवसायिक रूप से काफी सफल होते हैं, इनका व्यवसाय सफलता की राह में आगे बढ़ता रहता है। जीवन के किसी भी क्षेत्र में जब प्रतियोगिता की बात आती है तब ये अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे होते हैं।ज्येष्ठा नक्षत्र के जातक का अपने परिवार के साथ काफी लगाव रहता है। ये अपनी पारिवारिक जिम्मेवारियों को दिल से निभाते हैं। इनके पास काफी मात्रा में धन होता है। ये अनेकानेक स्रोतों से धन लाभ प्राप्त करते हैं। ये ज़मीन ज़ायदाद ख़रीदने के शौकीन होते हैं। इस नक्षत्र के जातक अगर प्रोपर्टी के कारोबार में हाथ डालते हैं तो बहुत बड़े प्रोपर्टी डीलर अथवा बिल्डर बनते हैं। ज्योतिषशास्त्र कहता है कि जो व्यक्ति ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे राजसी ठाठ बाठ के साथ जीवन बीताते हैं। ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति को मूल शांति करा लेनी चाहिए यही ज्योतिष शास्त्र की सलाह है।

१९. दुर्भाग्यशाली नहीं होते मूल नक्षत्र के जातक:-मूल नक्षत्र गण्डमूल नक्षत्र के अन्तर्गत आता है। यह नक्षत्र बहुत ही अशुभ माना जाता है। इस नक्षत्र का स्वामी केतु होता है। इस नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में होते हैं। इस नक्षत्र के विषय में यह धारणा है कि जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं उनके परिवार के सदस्यों को इसके दोष का सामना करना पड़ता है। दोष पर विशेष चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति में कई गुण होते हैं, हमें इन गुणों पर ही अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।ज्योतिषशास्त्र कहता है जो व्यक्ति मूल नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे ईमानदार होते हैं। इनमें ईश्वर के प्रति आस्था होती है। ये बुद्धिमान होते हैं। ये न्याय के प्रति विश्वास रखते हैं। लोगों के साथ मधुर सम्बन्ध रखते हैं और इनकी प्रकृति मिलनसार होती है। स्वास्थ्य के मामले में ये भाग्यशाली होते हैं, ये सेहतमंद होते हैं। ये मजबूत व दृढ़ विचारधारा के स्वामी होते हैं। ये सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। ये अपने गुणों एवं कार्यो से काफी प्रसिद्धि हासिल करते हैं।मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के कई मित्र होते हैं क्योंकि इनमें वफादारी होती है। ये पढ़ने लिखने में अच्छे होते हैं तथा दर्शन शास्त्र में इनकी विशेष रूचि होती है। इन्हें विद्वानों की श्रेणी में गिना जाता है। ये आदर्शवादी और सिद्धान्तों पर चलने वाले व्यक्ति होते हैं अगर इनके सामने ऐसी स्थिति आ जाए जब धन और सम्मान मे से एक को चुनना हो तब ये धन की जगह सम्मान को चुनना पसंद करते हैं।जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे व्यवसाय एवं नौकरी दोनों में ही सफल होते हैं, परंतु व्यवसाय की अपेक्षा नौकरी करना इन्हें अधिक पसंद है। ये जहां भी होते हैं अपने क्षेत्र में सर्वोच्च होते हैं। ये शारीरिक श्रम की अपेक्षा बुद्धि का प्रयोग करना यानी बुद्धि से काम निकालना खूब जानते हैं।अध्यात्म में विशेष रूचि होने के कारण धन का लोभ इनके अंदर नहीं रहता। ये समाज में पीड़ित लोगों की सहायता के लिए कई कार्यक्रमों में सक्रिय भाग लेते हैं। समाज में इनका काफी सम्मान होता है तथा ये प्रसिद्ध होते हैं। इनका सांसारिक जीवन खुशियों से भरा होता है। ये सुख सुविधाओं से युक्त जीवन जीने वाले होते हैं। समाज के उच्च वर्गों से इनकी मित्रता रहती है।ये ईश्वरीय सत्ता में हृदय से विश्वास रखते हैं। इस नक्षत्र के जातक को मूल शांति करा लेनी चाहिए, इससे उत्तमता में वृद्धि होती है और अशुभ प्रभाव में कमी आती है।


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यस्मिन् जीवति जीवन्ति बहव: स तु जीवति | काकोऽपि किं न कुरूते चञ्च्वा स्वोदरपूरणम् || If the 'living' of a person results in 'living' of many other persons, only then consider that person to have really 'lived'. Look even the crow fill it's own stomach by it's beak!! (There is nothing great in working for our own survival) I am not finding any proper adjective to describe how good this suBAshit is! The suBAshitkAr has hit at very basic question. What are all the humans doing ultimately? Working to feed themselves (and their family). So even a bird like crow does this! Infact there need not be any more explanation to tell what this suBAshit implies! Just the suBAshit is sufficient!! *जिसके जीने से कई लोग जीते हैं, वह जीया कहलाता है, अन्यथा क्या कौआ भी चोंच से अपना पेट नहीं भरता* ? *अर्थात- व्यक्ति का जीवन तभी सार्थक है जब उसके जीवन से अन्य लोगों को भी अपने जीवन का आधार मिल सके। अन्यथा तो कौवा भी भी अपना उदर पोषण करके जीवन पूर्ण कर ही लेता है।* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।

न भारतीयो नववत्सरोSयं तथापि सर्वस्य शिवप्रद: स्यात् । यतो धरित्री निखिलैव माता तत: कुटुम्बायितमेव विश्वम् ।। *यद्यपि यह नव वर्ष भारतीय नहीं है। तथापि सबके लिए कल्याणप्रद हो ; क्योंकि सम्पूर्ण धरा माता ही है।*- ”माता भूमि: पुत्रोSहं पृथिव्या:” *अत एव पृथ्वी के पुत्र होने के कारण समग्र विश्व ही कुटुम्बस्वरूप है।* पाश्चातनववर्षस्यहार्दिकाःशुभाशयाः समेषां कृते ।। ------------------------------------- स्वत्यस्तु ते कुशल्मस्तु चिरयुरस्तु॥ विद्या विवेक कृति कौशल सिद्धिरस्तु ॥ ऐश्वर्यमस्तु बलमस्तु राष्ट्रभक्ति सदास्तु॥ वन्शः सदैव भवता हि सुदिप्तोस्तु ॥ *आप सभी सदैव आनंद और, कुशल से रहे तथा दीर्घ आयु प्राप्त करें*... *विद्या, विवेक तथा कार्यकुशलता में सिद्धि प्राप्त करें,* ऐश्वर्य व बल को प्राप्त करें तथा राष्ट्र भक्ति भी सदा बनी रहे, आपका वंश सदैव तेजस्वी बना रहे.. *अंग्रेजी नव् वर्ष आगमन की पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं* ज्योतिषाचार्य बृजेश कुमार शास्त्री

आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताआलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।राम।

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