*इसबार शारदीय नवरात्र 8 दिन की होगी* आश्विन शुक्लपक्ष प्रतिपदा से लेकर नवमी तक शारदीय नवरात्रि के नाम से जानी जाती है विशेषता शारदीय नवरात्र में दुर्गा आराधना विशेषकर श्रेष्ठ है। वैसे 9 दिन की नवरात्रि शुभ मानी जाती है।
तृतीया/चतुर्थी का एक साथ होना तिथि क्षय हो रही है,13 अक्टूबर को महाअष्टमी होगी। 14 अक्टूबर को महानवमी होगी व 15 अक्टूबर को विजयादशमी दशहरा मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य अजय शास्त्री ने बताया है कि सर्व पितृपक्ष अमावस्या 6 अक्टूबर को श्राद्ध समाप्त हो जाएंगे इसके अगले दिन 7 अक्टूबर दिन गुरुवार से नवरात्रि प्रारंभ हो जाएगी। नवरात्रि में दुर्गासप्तशती का पाठ, दुर्गा चालीसा, देवी मंत्र, ॐ ऐं ह्रीम क्लीं चामुण्डायै विच्चे, इस मंत्र का जब करने से सारी इच्छाओं की पूर्ति होती है। दुर्गा सप्तशती व्यास जी द्वारा रचित मार्कंडेय पुराण से ली गई है इसमें 700 श्लोक व 13 अध्यायों का समावेश होने के कारण इसे सप्तशती का नाम दिया गया है। तंत्र शास्त्रों में इसका सर्वाधिक महत्व प्रतिपादित है और तांत्रिक क्रियाओं का इसके पाठ में बहुधा उपयोग होता है दुर्गा सप्तशती में 360 शक्तियों का वर्णन है। शास्त्री जी ने बताया है कि शक्ति पूजन के साथ भैरव पूजन भी अनिवार्य है। दुर्गा सप्तशती का हर मंत्र ब्रह्मवशिष्ठ विश्वामित्र ने साबित किया है, शापोद्धार के बिना पाठ का फल नहीं मिलता दुर्गासप्तशती के 6 अंगों सहित पाठ करना चाहिए। कवच,अर्गला,कीलक, और तीनों रहस्य महाकाली महालक्ष्मी और महासरस्वती का रहस्य बताया गया है। दुर्गा सप्तशती के चरित्र का क्रमानुसार पाठ करने से शत्रुनाश और लक्ष्मी कि प्राप्ति व सर्वदा विजय होती है, सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
ज्योतिषाचार्य ने बताया है इसबार अभिजीत मुहूर्त में कलश घटस्थापना श्रेष्ठ रहेगा। 7 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार प्रतिपदा दोपहर 1:46 तक रहेगी।चित्रा नक्षत्र रात्रि 9:12 तक रहेगा। वैधृति योग रात्रि 1:38 तक रहेगा।
अभिजीत मुहूर्त, दोपहर 11:47 से 12:34 तक व लाभ अमृत चौघड़िया दोपहर 12:11 से 3:07 तक रहेगी।